दानदाता किसान जिसने करोड़ों का चारा कर दिया दान, जानें कौन है ये
Advertisement
trendingNow11105359

दानदाता किसान जिसने करोड़ों का चारा कर दिया दान, जानें कौन है ये

सरकार (Government) ने मवेशियों (Cattle) की भूख मिटाने के लिए कई इंतजाम (Arrangements) किए हैं. बता दें कि अब सरकार की इस मुहिम (Campaign) में किसानों (Farmers) ने भी योगदान (Contribute) देने का फैसला (Decision) किया है.

दानदाता किसान जिसने करोड़ों का चारा कर दिया दान, जानें कौन है ये

रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मवेशियों (Cattle) की भूख मिटाने के लिए सरकार (Government) के साथ किसान (Farmers) भी आगे आए हैं. सरकार ने मवेशियों के लिए डे-केयर सेंटर (Day Care Center) के तौर पर गौठान (Gothan) बनाए हैं. यहां आने वाले मवेशियों को चारा (Fodder) उपलब्ध कराने के लिए किसानों से पैरा दान (Para Donation) करने की अपील (Appeal) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के बाद किसान अब तक 31 करोड़ से ज्यादा का पैरा दान कर चुके हैं.

  1. सरकार के साथ किसानों ने मिलाया हाथ
  2. करोड़ों का चारा किया दान
  3. होंगे कई फायदे

मुख्यमंत्री ने की अपील

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) द्वारा गौठानों (Gothan) में पशुओं (Cattle) के लिए चारे (Fodder) के लिए किसानों से की गई पैरा दान की अपील का असर दिख रहा है. किसानों (Farmers) ने अब तक 15 लाख 67 हजार 507 क्विंटल पैरा दान गौठानों में किया है जिसका मूल्य लगभग 31 करोड़ 35 लाख रुपए है क्योंकि पैरा की दर 200 रुपए प्रति क्विंटल है.

ये भी पढें: यूपी चुनाव: अवध का बाजीगर कौन? ओबीसी और ब्राह्मण वोटों के बेल्ट में वोटिंग

पिछले एक हफ्ते में हुआ यह दान

अधिकारियों (Officers) से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते लगभग एक सप्ताह में किसानों ने यह पैरा दान (Para Donation) किया है. सर्वाधिक पैरा दान बिलासपुर संभाग (Bilaspur Division) के किसानों द्वारा किया गया. धान की कटाई (Paddy Harvesting) शुरू होने पर मुख्यमंत्री बघेल ने किसानों से पैरा गौठान को देने की अपील की थी. इस अपील के बाद किसानों ने अपने-अपने खेत (Farm) से नजदीकी गौठान तक पैरा पहुंचाया है. परिवहन का खर्च (Transportation Cost) भी किसानों (Farmers) ने उठाया है. गौठानों को किसानों द्वारा पैरा दान करने का सिलसिला आगे भी चलता रहेगा.

पैरा दान करने के पीछे का मकसद

बताया गया है कि गौठान के लिए पैरा दान करने की अपील का बड़ा मकसद पराली को जलाने से रोकना (Stop Stubble Burning) भी है. किसान पैरा दान करता है तो इससे एक तरफ जहां गौठान के मवेशियों के लिए चारा मिलेगा वहीं पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान (Environmental Damage) पर रोक भी लगेगी. ज्ञात हो कि राज्य में राजीव गोधन न्याय योजना (Rajiv Godhan Nyay Yojana) के तहत गौठानों का निर्माण कराया गया है.

ये भी पढें: हर्षा मर्डर केस में अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार, SP बोले- हमलावर थे 4 और 2 उनके मददगार

रोजगार के अवसर भी मिलेंगे

राज्य में 10 हजार 591 गौठान बनने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 7,933 गौठानों का निर्माण (Construction) हो चुका है. वहीं 2,300 निर्माणाधीन (Under Construction) हैं. इन गौठानों में जहां दिन में मवेशियों के लिए चारा-पानी का इंतजाम होता है तो वहीं उनके गोबर से वर्मी कंपोस्ट (Vermi Compost) बनाई जाती है और पूजा सामग्री का निर्माण किया जाता है. इसके साथ ही राज्य में दो रुपये किलो की दर से गोबर (Cow Dung) भी खरीदा जा रहा है. इस तरह गौठान रोजगार (Employment) के अवसर भी उपलब्ध कराने का स्थान बन गया है. यहां स्वसहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं को रोजगार मिल रहा है.

(इनपुट - आईएएनएस) 

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news