रक्षाबंधन पर बाजार में आई ईको फ्रेडली राखी, मिट्टी में डालने से उगेगा तुलसी का पौधा
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रक्षाबंधन पर बाजार में आई ईको फ्रेडली राखी, मिट्टी में डालने से उगेगा तुलसी का पौधा

रक्षाबंधन के त्योहार पर बाजार तरह-तरह की रंग-बिरंगी राखियों से लदे हुए हैं. एक से बढ़कर एक खूबसूरत राखियां आपको देखने को मिल जाएंगी. 

इस तरह की राखियां लोग काफी पसंद कर रहे हैं. अब तक इसके 14000 से ज्यादा पैकेज बिक चुके हैं.

नई दिल्ली: रक्षाबंधन पर इस बार भाई बहनों की रक्षा का वादा करेंगे. वहीं, बहनें पर्यावरण को बचाने की कोशिश करेंगी. जी हां बाजार में आ गई हैं खास इको फ्रेंडली राखियां जिन्हे मिट्टी में बोने से उगेगा तुलसी का पौधा. साथ ही 15 अगस्त पर मिलेगी प्लास्टिक के झंडों से आजादी. प्लांटेबल राखियां और झंडे बन रहें हैं लोगों की नई पसंद.

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रक्षाबंधन के त्योहार पर बाजार तरह-तरह की रंग-बिरंगी राखियों से लदे हुए हैं. एक से बढ़कर एक खूबसूरत राखियां आपको देखने को मिल जाएंगी. बच्चों के लिए कार्टून वाली, बड़े भाईयों के लिए गोल्ड प्लेटेड राखियां मिल रही हैं. इन सबके बीच एक खास वैराइटी की राखी ट्रेंड कर रही है. इसे प्लांटेबल राखी कहते हैं. इस राखी को अगर इस्तेमाल के बाद गमले में लगा दिया जाए तो इससे तुलसी का पौधा उगता है. इन राखियों की बनावट ऐसी रखी गई है कि इसमें बीज डाले जा सकें जो कि बाद में पौधे का रुप ले सकें.

इस तरह की राखियां लोग काफी पसंद कर रहे हैं. अब तक इसके 14000 से ज्यादा पैकेज बिक चुके हैं. अभी भी लोग लगातार इसके ऑर्डर कर रहे हैं. ये राखी 50 से लेकर 500 रुपए तक की कई वैराइटीयों में आ रही है. इसकी पैकिंग कुछ इस तरह से की गई है कि जो बहनें पोस्ट के जरिये अपने भाई को राखी भेज रही हैं. उनको ये काफी पसंद आएगी. क्योंकि राखी के साथ इसमें छोटे-छोटे डिब्बों में रोली और चावल भी दिए जा रहे हैं. साथ ही इसमें एक कार्ड है जिस पर आप अपने भाई के लिए मैसेज लिख सकते हैं. 

महिला खरीददारों ने बताया कि हर साल हम भाइयों के लिए शौक़ से राखी ख़रीदते हैं लेकिन राखी के एक या दो दिन बाद उसको अलमारी या मंदिर में रख देते हैं. अच्छा तो नहीं लगता लेकिन और कर भी क्या सकते हैं. हमेशा तो पहने नहीं रह सकते. ये अच्छा कॉन्सेप्ट है कि हम इसी राखी से पौधे उगा सकते हैं. इससे हम पर्यावरण को भी बचा रहे हैं. इस पर आप भाई के लिए मैसेज भी लिख सकते हो, तो उसको अच्छा लगेगा.

इस साल 15 अगस्त और राखी एक ही दिन है. हर साल की तरह इस साल भी बाजारों में प्लास्टिक से बने तिरंगों की भरमार है. हर साल लाखों तिरंगे खरीदे जाते हैं. जिन्हे लोग जगह-जगह फहरा कर आज़ादी का जश्न मनाते हैं. लेकिन अगले ही दिन ये तिरंगे या तो सड़कों पर पड़े नजर आते हैं या इ्न्हें इक्ट्ठा करके कहीं रख दिया जाता है. अगले साल लोग फिर नए झंडे खरीद लेते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि इन तिरंगों से पौधा बन सकता है. अगर नहीं तो ये तस्वीरें देखिए. टेबल पर रखा ये झंडा इस तरह से तैयार किया गया है कि इसके अंदर तुलसी के बीज डाले गए हैं. ये झंडा जब आप आजादी का जश्न मनाने के बाद मिटटी में दबा देंगे तो इसमें कुछ दिनों के बाद तुलसी का पौधा उग जाएगा. ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर ये एक तिरंगा करीब 5 रुपये में मिल जाता है.  

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इस खास तरह की राखी और तिरंगे को तैयार करने वाले सौरभ मेहता एक इंजीनियर हैं. वह पिछले 2 सालों से इस कॉन्सेप्ट पर काम कर रहे हैं. उनके पिता का सालों से प्लास्टिक के use and throw, ball pen बनाने का कारोबार था. वो खुद बचपन से देखते रहे थे कि किस तरह से प्लास्टिक इस्तेमाल के बाद फेंक दी जाती है औऱ कैसे उससे हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है. इसलिए उन्होंने use and throw से use and grow के कॉन्सेप्ट पर काम करना शुरु कर दिया और प्लांटेबल राखी और झंडे बनाने के काम में लग गए.

सौरभ का कहना है कि हम हर त्योहार को एक अवसर की तरह देखते हैं. किसी तरह लोगों की सोच को बदल पाएं. हमारे देश में इतने त्योहार होते हैं. कई बार जाने अनजाने हम ऐसी परंपराएं निभाते आ रहे हैं जिस से हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है. हम कभी सोच ही नहीं पाते कि इसके कई विकल्प हैं जो कि हम अपना सकते हैं. इस पहल के जरिए हमारी यही कोशिश है कि लोग इन छोटे- छोटे बदलाव से बडे बदलाव की ओर बढ़ें.

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