यह सम्मान 1698 में ईसा मसीह और रूस के पैट्रन सेंट (संत) के पहले देवदूत सेंट एंड्रयू के सम्मान में शुरू किया गया था. इसे तत्कालीन रूसी सम्राट जार पीटर द ग्रेट ने स्थापित किया था.
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस ने शुक्रवार को अपना सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की है. वह यह सम्मान पाने वाले 17वें व्यक्ति हैं. ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोसल नामक अपना रूस के इस सम्मान के स्थापित होने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है. यह सम्मान 1698 में ईसा मसीह और रूस के पैट्रन सेंट (संत) के पहले देवदूत सेंट एंड्रयू के सम्मान में शुरू किया गया था. इसे तत्कालीन रूसी सम्राट जार पीटर द ग्रेट ने स्थापित किया था. इसे उत्कृष्ट कार्य करने वाले नागरिकों को दिया जाता है.
1. सेंट एंड्रयू को एंड्रयू द अपोजल के नाम से भी जाना जाता है.
2. सेंट एंड्रयू ईसा मसीह और रूस के पैट्रन सेंट के पहले देवदूत थे.
3. सेंट एंड्रयू को रूस के ईसाइयों की ऑर्थोडोक्स परंपरा में फर्स्ट कॉल्ड (first called) कहा जाता है.
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4. सेंट एंड्रयू का जन्म ईसा पूर्व छठवीं शताब्दी में गैलीली में हुआ था.
5. वेस्टर्न एसोटेरिक परंपरा में सेंट एंड्रयू का जुड़ाव एस्ट्रोलॉजिकल साइन कन्या (VIRGO) से है.
6. ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोसल को स्थापित करने वाले रूसी सम्राट जार पीटर द ग्रेट ने तत्कालीन रूसी साम्राज्य पर 1682 से 1725 तक राज किया था.
7. इससे पहले रूस यह सम्मान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी दे चुका है.
8. इस सम्मान को सोवियत संघ के समय बंद कर दिया था. लेकिन 1998 में रूस ने इसे दोबारा शुरू किया था.