Farmers Protest: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर बोले, 'कृषि कानूनों के हर क्‍लॉज पर करेंगे चर्चा, संशोधन के लिए तैयार'
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Farmers Protest: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर बोले, 'कृषि कानूनों के हर क्‍लॉज पर करेंगे चर्चा, संशोधन के लिए तैयार'

Farmers Protest: नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'हमने किसान यूनियनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम मंडियों, व्यापारियों के पंजीकरण और अन्य के बारे में उनकी आशंकाओं को दूर करने पर सहमत हुए थे.'

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (फाइल फोटो )

नई दिल्‍ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर कहा है कि जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कानून के अमल पर रोक लगा दी है, तब किसान धरने पर क्यों हैं?  कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत सरकार ने किसानों से 9 बार बात की है.  हम चाहते हैं कि कृषि कानूनों पर किसान हर क्‍लॉज पर चर्चा करें. अगर उन्‍हें कोई आपत्ति होगी, तो हम संशोधन के लिए तैयार हैं.  

'कानून रद्द करने के अलावा कोई दूसरी मांग है तो बताएं किसान' 

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा, 'कानून रद्द करने के अलावा कोई दूसरी मांग है तो किसान बताएं, सरकार खुले मन से चर्चा करेगी. कोई भी कानून पूरे देश के लिए बनता है. अदालत ने अभी कानून के अमल पर रोक लगा रखी है, कोई बात है तो कमेटी के सामने भी रख सकते हैं.'

उन्होंने कहा, 'हमने किसान यूनियनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम मंडियों, व्यापारियों के पंजीकरण और अन्य के बारे में उनकी आशंकाओं को दूर करने पर सहमत हुए थे. सरकार भी पराली जलाने और बिजली से जुड़े कानूनों पर चर्चा करने के लिए सहमत हुई थी. लेकिन यूनियनें केवल कानूनों को निरस्त करना चाहती हैं.'

मंडी की शंका पर समाधान के लिए की जाएगी चर्चा

इसी के साथ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पिछली बार हर क्लॉज पर बात नहीं कर पा रहे थे. इस बार चर्चा में  मंडी की शंका पर समाधान के लिए चर्चा की जाएगी.  ट्रेडर के रजिस्ट्रशन पर चर्चा की जा सकती है, कांट्रैक्ट फॉर्मिंग पर भी हम बात करने के लिए तैयार थे.  पराली, बिजली, ये सब आगे के मुद्दे थे. सरकार ने तो हमेशा कहा कि बात करने के लिए तैयार हैं. लेकिन किसान टस से मस के लिए तैयार नहीं हैं.

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नरेंद्र तोमर ने कहा कि किसान, विद्वान, वैज्ञानिक, इन बिलों से सहमत हैं. जिद का तो सवाल ही नहीं है.  सुप्रीम कोर्ट ने तो क्रियानवयन को भी रोक दिया है. किसानों और सरकार के बीच दसवें राउंड की बातचीत अब 19 जनवरी को होगी. इस पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 19 तारीख की बैठक में क्लॉज बाय क्‍लॉज चर्चा करेंगे.  हम बातचीत के लिए बिल्कुल तैयार हैं. 

कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए ट्रैक्टर मार्च

बता दें कि किसान आंदोलन का आज 53वां दिन है.  संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होनी है. जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने वाले हैं जिसके लिए मंथन होना है. पंजाब के गुरदासपुर और मोगा में ट्रैक्टर मार्च की तैयारी चल रही है. किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए ट्रैक्टर मार्च निकाल रहे हैं. 

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