नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर संग्राम जारी है. सरकार और किसानों के बीच अब तक की हर वार्ता बेनतीजा रही है. सरकार के लिखित प्रस्ताव को भी किसानों ने ठुकरा दिया है. किसानों का साफ कहना है कि वह कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रखेंगे.
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (Farm Laws 2020) पर किसान आंदोलन (Farmers Protest) थमता नजर नहीं आ रहा है. सरकार ने किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा था लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. किसान नेताओं का साफ कहना है कि आंदोलन अभी जारी रहेगा. 12 दिसंबर को पूरे देश के टोल प्लाजा फ्री कराएंगे. 14 दिसंबर को देश भर में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे. किसानों ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि सरकार नए कृषि कानूनों को रद्द करे. दूसरी तरफ किसानों द्वारा प्रस्ताव खारिज किए जाने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं.
क्या था सरकार के प्रस्ताव में?
बता दें कि आज (बुधवार) सरकार की ओर से आंदोलन कर रहे किसानों को लिखित प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का जिक्र किया गया था. इसके अलावा सरकार की ओर से प्रस्ताव में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई थी. इसके साथ ही सरकार ने किसानों को छठे दौर की बातचीत के लिए निमंत्रण भी दिया था.
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मुख्य बातें-
- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल करने को सरकार राजी है.
- प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही. सरकार इस शर्त को मानने को तैयार है.
- इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानने को तैयार है.
-एमएसपी खत्म नहीं होगा.
कृषि मंत्री कर चुके हैं स्थिति स्पष्ट
किसान आंदोलन (Farmers Protest) के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने एक बार फिर नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर स्थिति स्पष्ट की है. उन्होंने कहा है कि नए कृषि कानूनों का सच हर किसी को जरूर जानना चाहिए ताकि कोई भ्रम की स्थिति न रहे. कृषि मंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि ‘कृषि कानून एमएसपी (MSP) सिस्टम और एपीएमसी मंडियों (APMC) को प्रभावित नहीं करते हैं. किसान फसल उगाने से पहले ही उपज के दाम तय कर सकते हैं. खरीदारों को समय पर भुगतान करना होगा वरना कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.’
कृषि मंत्री ने कहा है कि इन कानूनों के चलते किसान की जमीन किसी भी कारण से कोई नहीं छीन सकता है. खरीदार किसान की भूमि में कोई परिवर्तन नहीं कर सकते हैं. ठेकेदार पूर्ण भुगतान के बिना अनुबंध समाप्त नहीं कर सकता है.
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