पुलवामा हमला: PAK को काली सूची में डालने के लिए FATF को दस्तावेज देगा भारत
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पुलवामा हमला: PAK को काली सूची में डालने के लिए FATF को दस्तावेज देगा भारत

आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था है एफएटीएफ.

जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के फिदाई आतंकवादी ने 100 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटक से लदी गाड़ी को सीआरपीएफ कर्मियों को ले जारी बस से भिड़ा दिया था जिसमें बल के 40 कर्मी शहीद हो गए. (फोटो साभार - रॉयटर्स)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से जुड़े दस्तावेज आतंकवादी गतिविधियों के लिए वित्तपोषण पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ को मुहैया कराए जाएंगे ताकि आतंकवाद से पड़ोसी देश के रिश्तों का पर्दाफाश कर उसे काली सूची में डालने की मांग की जाए. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. 

उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसियां पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से अंजाम दिए गए हमले और पड़ोसी देश द्वारा इस आतंकी संगठन को दी गई मदद को लेकर अब तक इकट्ठा किए गए साक्ष्य से दस्तावेज तैयार कर रही हैं.

'जैश और पाक एजेंसियों के संबंध पर होगा दस्तावेज' 
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि यह जैश-ए-मोहम्मद के साथ पाकिस्तानी एजेंसियों के संबंध और उनकी ओर से आतंकवादी संगठन के वित्तपोषण पर एक दस्तावेज होगा. अतीत में जैश की ओर से अंजाम दिए गए हमलों का ब्योरा भी इस दस्तावेज में दिया जाएगा. 

फ्रांस के पेरिस स्थित फिनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को दस्तावेज के जरिए बताया जाएगा कि पाकिस्तानी एजेंसियां किस तरह जैश को धन मुहैया करा रही हैं. 

पाकिस्तान को काली सूची में डालने के लिए दबाव बनाएगा भारत
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एफएटीएफ की अगली बैठक में भारत पाकिस्तान को कालीसूची में डालने के लिए दबाव बनाएगा ताकि पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.  पेरिस में अगले हफ्ते एफएटीएफ का महाधिवेशन और कार्य समूह की बैठक होंगी. 

एफएटीएफ की ओर से काली सूची में डालने का मतलब है कि संबंधित देश धनशोधन और आतंक के वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में ‘‘असहयोगात्मक’’ रवैया अपना रहा है.

यदि एफएटीएफ पाकिस्तान को काली सूची में डाल देता है तो इससे आईएमएफ, विश्व बैंक, यूरोपीय संघ जैसे बहुपक्षीय कर्जदाता उसकी ग्रेडिंग कम कर सकते हैं और मूडीज, एस एंड पी और फिच जैसी एजेंसियां उसकी रेटिंग कम कर सकती हैं.

एफएटीएफ ने जुलाई 2018 में पाकिस्तान को संदेह वाली ग्रे सूची में डाल दिया था. एफएटीएफ में अभी 35 सदस्य और दो क्षेत्रीय संगठन - यूरोपीय आयोग एवं खाड़ी सहयोग परिषद - हैं. उत्तर कोरिया और ईरान एफएटीएफ की काली सूची में हैं. 

(इनपुट - भाषा)

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