नीलेकणि का कहना है कि एक छोटी सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है. उन्होंने दावा किया है कि आधार कार्ड डेटा लीक हो ही नहीं सकता है, क्योंकि इन्हें एक बहु-स्तरीय सुरक्षा के तहत बनाया जाता है.
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नई दिल्लीः आधार कार्ड डेटा लीक मामले में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पूर्व अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने इसे गलत बताया है. मीडिया से बातचीत करते हुए नीलेकणि ने कहा कि आधार को बदनाम करने के लिए एक योजना बनाकर अभियान चलाया जा रहा है और यह 100 प्रतिशत सच है. नीलेकणि का कहना है कि आधार कार्ड डेटा लीक मामले को राई के पहाड़ की तरह तूल दिया जा रहा है. उन्होंने दावा किया है कि आधार कार्ड डेटा लीक हो ही नहीं सकता है, क्योंकि इन्हें एक बहु-स्तरीय सुरक्षा के तहत बनाया जाता है.
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पत्रकार के खिलाफ शिकायत
सोमवार को नीलेकणि ने एक अरब से ज्यादा आधार कार्ड से जुड़ी सूचना लीक होने की खबर लिखने वाले पत्रकार के खिलाफ दिल्ली के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस को शिकायत दर्ज कराते हुए नीलेकणि ने कहा है कि आधार पर नकारात्मक विचारों का परिणाम भी नकारात्मक ही होगा. मीडिया के जरिए आम जनता को संदेश देते हुए नीलेकणि ने कहा कि आधार को लेकर रचनात्मक और सकारात्मक विचार रखना आवश्यक है ताकि परिणाम भी सही आ सके.
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55 करोड़ खातों से जुड़ा आधार
नीलेकणि का कहना है कि वर्तमान समय में देश के 119 करोड़ लोगों में से 55 करोड़ लोगों ने अपने बैंक खातों को आधार कार्ड से लिंक करवा लिया है. आधार कार्ड को बैंक खाते से लिंक कराने के बाद प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के तहत लोगों के बैंक खाते में सीधे 95,000 करोड़ रुपये जा रहे हैं.
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ईकोर्ट में दायर की गई याचिका
महज 500 रुपये में आधार कार्ड का डाटा लीक होने के मामले में पहले ही पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जा चुकी है. हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि आधार कार्ड में एक व्यक्ति की सभी जानकारियां होती हैं, इसलिए आधारा डेटा लीक होना एक गंभीर विषय है. यह सिर्फ एक व्यक्ति के लिए ही नहीं बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी खतरा है. याचिका में इस मामले की SIT जांच कराने की अपील की गई है.