कोरोना से जंग में गेमचेंजर साबित होगी भारत की ‘फेलूदा’, बाजार में आने को तैयार
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कोरोना से जंग में गेमचेंजर साबित होगी भारत की ‘फेलूदा’, बाजार में आने को तैयार

कोरोना की जांच में लगने वाला समय और कीमत दोनों कम होने वाले हैं. भारतीय वैज्ञानिकों ने पेपर बेस्ड टेस्ट स्ट्रिप फेलूदा विकसित कर ली है.

पेपर टेस्ट किट के साथ वैज्ञानिक (फोटो: AFP)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) से जंग में भारत की पेपर बेस्ड टेस्ट स्ट्रिप फेलूदा (Feluda) गेमचेंजर साबित हो सकती है. यह टेस्ट स्ट्रिप बाजार में आने के लिए तैयार है. 

  1. कुछ मिनटों में मिल जाता है कोरोना टेस्ट रिजल्ट
  2. मौजूदा किट की तुलना में ज्यादा सटीक 
  3. कीमत भी मौजूदा किट से कम रहने की संभावना

ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drugs Controller General of India) ने पिछले महीने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के गुणवत्ता बेंचमार्क को पूरा करने के बाद FELUDA (FnCas9 Editor Linked Uniform Detection Assay ) को मंजूरी दे दी थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने कुछ समय पहले कहा था कि फेलूदा जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी. 

युवा टीम ने किया तैयार
इसे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के युवा वैज्ञानिकों की एक टीम ने तैयार किया है. FELUDA से कुछ ही मिनटों में टेस्ट परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. जबकि मौजूदा RT-PCR किट इसके लिए 4 से 5 घंटे का समय लेती है. सीएसआईआर के महानिदेशक शेखर सी मांडे (Shekhar C Mande) ने कहा कि फेलूदा से टेस्ट में लगने वाला समय बचेगा. इससे केवल 30 मिनट में परिणाम मिल जाते हैं. जबकि RT PCR 4 से 5 घंटे का समय लेती है. इसके अलावा, फेलूदा RT PCR परीक्षण किट की तुलना में तीन से पांच गुना सस्ती भी है.

प्रेग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट जैसी
COVID-19 टेस्ट के लिए विकसित की गई फेलूदा टेस्ट प्रेग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट की तरह होती है. इस स्ट्रिप का इस्तेमाल पैथ लैब में भी आसानी से किया जा सकता है. सीएसआईआर के महानिदेशक ने कहा कि इस किट की मदद से हम गांव आदि में भी आसानी से टेस्ट कर पाएंगे, जो RT PCR किट के साथ संभव नहीं हो सकता है, क्योंकि परीक्षण के लिए बड़ी संख्या में उपकरणों की आवश्यकता होती है. उन्होंने कहा कि फेलूदा की सबसे अच्छी बात यह है कि ये कम समय में सटीक परिणाम देती है.

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स्ट्रिप पर होती हैं दी लाइनें
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. देबोज्योति चक्रबर्ती (Debojyoti Chakraborty) ने बताया कि Cas9 प्रोटीन को बारकोड किया गया है ताकि वह मरीज के जेनेटिक मटेरियल में कोरोना वायरस सिकवेंस का पता लगा सके. इस स्ट्रिप पर दो लाइने हैं, जो बताती हैं कि संबंधित व्यक्ति को COVID-19 है या नहीं. उन्होंने आगे कहा, ‘स्ट्रिप पर दो लाइन हैं, एक लाइन नियंत्रण रेखा है जो हर स्ट्रिप पर मौजूद होती है, और बताती है कि स्ट्रिप ठीक से काम कर रही है और दूसरी है टेस्ट लाइन, जो केवल तभी पॉजिटिव आती है जब COVID-19 अनुक्रम प्रारंभिक आरएनए में मौजूद था.

आसानी से चलेगा पता
डॉ. चक्रबर्ती ने कहा कि नेगेटिव सैंपल में टेस्ट लाइन दिखाई नहीं देगी. इसलिए टेस्ट लाइन की स्थिति को देखकर आपको पता चल जाएगा कि संबंधित व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है या नहीं. इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले एक अन्य वैज्ञानिक मनोज कुमार ने कहा कि यह आईडिया डॉ. चक्रबर्ती और सौविक मैती का है, जो हमारी टीम का नेतृत्व कर रहे हैं.  उन्होंने आगे कहा कि हम इन विशेष स्ट्रिप्स का उपयोग COVID टेस्ट के लिए कर रहे हैं, जिन्हें करीब दो साल पहले सिकल सेल एनीमिया के लिए विकसित किया गया था. 

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