कई लोग झाड़फूंक और टोने-टोटके से इलाज कर अंधविश्वास से लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.
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रतलाम: दुनिया स्वास्थ्य चिकित्सा में इतनी तरक्की करने के वावजूद भी अभी तक कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी महामारी का इलाज नहीं ढूंढ पा रही है. वहीं दूसरी और आज भी कई लोग झाड़फूंक और टोने-टोटके से इलाज कर अंधविश्वास से लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश के रतलाम में ऐसे ही एक ढोंगी शख्स की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है. जानकारी के मुताबिक वह लोगों का हाथ चूमकर इलाज करने का दावा करता था. इसके अलावा वह पानी में फूंक मारकर मंत्रित कर लोगों का इलाज करने का दावा भी करता था. झाड़फूंक वाले शख्स की मौत के बाद प्रशासन सकते में गया और आनन-फानन में उससे इलाज करवाने वालों की लिस्ट निकाली.
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उसके कॉन्टेक्ट में आए लोगोंं की लंबी लिस्ट से प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए हैं. सीएचएमओ रतलाम डॉ. प्रभाकर नानावरे ने बताया कि अब तक मृतक शख्स के संपर्क में आए 7 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है. जिनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है.
ऐसे हालात में प्रशासन ने शहर में अंधविश्वास के नाम पर झाड़फूंक करने वाले लोगों की जानकारी जुटाई. करीब 37 लोग केवल शहर में ही ऐसे मिल गए जो झाड़फूंक और धागा बनाने जैसे अंधविश्वास से लोगों का इलाज करते थे.
प्रशासन ने सभी 37 झाड़फूंक और ताबीज वाले लोगों को क्वारंटीन कर दिया है. हालांकि इन लोगों को इस पर ऐतराज है. उनका कहना है कि वे सालों से ऐसे ही इलाज करते आ रहे हैं. लॉकडाउन में इनके पास कोई नहीं आया फिर क्यों बेवजह यहां रखा गया है.
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