Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में करीब 2 लाख सरकारी कर्मचारी और डेढ़ लाख के करीब पेंशनर हैं. अब तक महीने के 31 या अगले दिन पहली तारीख को सैलरी आ जाता था, जो इस बार 4 तारीख तक भी नहीं मिल पाई है.
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Himachal Pradesh Govt Employees Salary: हिमाचल प्रदेश के 2 लाख सरकारी कर्मचारी और डेढ़ लाख पेंशनर परेशान हैं. आज 4 तारीख है, लेकिन अब तक उनकी सैलरी और पेंशन आई नहीं है. हालात ये हैं कि कम आय वाले सरकारी कर्मचारियों के बैंक अकाउंट खाली हो चुके हैं. पहली बार ऐसा हो रहा है कि सरकारी कर्मियों के वेतन पर असर पड़ रहा है, जिसकी वजह से कर्मचारियों में रोष है. माना जा रहा है कि कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 सितंबर तक का इंतजार करना होगा. हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट की चर्चा इन दिनों पूरे देश भर में हो रही है. ऐसे में हर किसी के मन में यह सवाल है कि राज्य में ऐसा आर्थिक संकट पैदा क्यों हो गया है? लेकिन, सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या हिमाचल प्रदेश दिवालिया होने वाला है और इसकी वजह क्या मुफ्त वाली योजनाएं है? अब हिमाचल प्रदेश सरकार के पास विकल्प क्या है?
90 हजार करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रही सरकार
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आर्थिक हालात ठीक होने की बात कह रहे हैं, लेकिन सैलरी कब मिलेगी ये नहीं बता पा रहे. हिमाचल में करीब 2 लाख सरकारी कर्मचारी और डेढ़ लाख के करीब पेंशनर हैं. अभी तक महीने के 31 या पहली तारीख को वेतन आ जाता था, जो 4 तारीख तक भी नहीं मिल पाई है. सरकार 90 हजार करोड़ से ज्यादा के घाटे में चल रही है. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि गारंटियों का बहुत बड़ा हाथ रहा है. सत्ता हासिल करने के लिए झूठे वादे किए गए और खटाखट स्कीम की पोल खुल गई.
क्या दिवालिया हो जाएगा हिमाचल प्रदेश?
हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार सैलरी संकट कर्मचारियों के सामने आया है, लेकिन सवाल ये है कि क्या एक महीने में हिमाचल दिवालिया हो जाएगा? सवाल ये भी है कि क्या आपने किसी राज्य को दिवालिया होते सुना है? इसके साथ ही सवाल ये भी क्या आपने सरकारी नौकरी में सैलरी का संकट होते सुना है? सबसे बड़ा और अहम सवाल ये है कि मुफ्त स्कीम वाली योजनाओं से राज्य सरकारों पर आर्थिक बोझ बढ रहा है.
3 साल में 21 हजार करोड़ बढ़ा हिमाचल सरकार का कर्ज
साल | कर्ज |
2021-2022 | ₹73,534 करोड़ |
2022-2023 | ₹86,589 करोड़ |
2023-2024 | ₹94,992.2 करोड़ |
ZEE NEWS के बड़े सवाल
1. क्या एक महीने में हिमाचल दिवालिया हो जाएगा?
2. क्या आपने किसी राज्य को दिवालिया होते सुना है?
3. क्या आपने सरकारी नौकरी में सैलरी का संकट होते सुना है?
क्या है हिमाचल सरकार के पास विकल्प?
पहला विकल्प- लोन लिमिट पूरी खर्च कर दी जाए. लेकिन, इस विकल्प का इस्तेमाल सरकार नहीं करेगी, क्योंकि आपातकाल स्थिति में जरूरत पड़ सकती है.
दूसरा विकल्प- ओवरड्राफ्ट अकाउंट से पैसे दिए जाएं. लेकिन, ओवरड्राफ्ट अकाउंट में पर्याप्त पैसा नहीं है.
तीसरा विकल्प- केंद्र से मिलने वाले रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट से पैसे दिए जाएं. 6 हजार करोड़ से ज्यादा पैसा सरकार इस मदद से सैलरी दे सकती है.
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