हिमाचल में बाढ़-बारिश और लैंडस्लाइड से भारी तबाही, अबतक 74 की मौत; आज ऐसे हैं हालत
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हिमाचल में बाढ़-बारिश और लैंडस्लाइड से भारी तबाही, अबतक 74 की मौत; आज ऐसे हैं हालत

Himachal Pradesh News: आज भी हिमाचल प्रदेश का अप्रत्याशित मौसम चुनौती बना हुआ है. इस पहाड़ी प्रदेश में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अबतक बिगड़े हालातों में 217 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. 

हिमाचल में बाढ़-बारिश और लैंडस्लाइड से भारी तबाही, अबतक 74 की मौत; आज ऐसे हैं हालत

Himachal Pradesh rain flood latest: हिमाचल प्रदेश के शिमला में शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने और चंबा जिले में दो और लोगों की मौत के बाद प्रदेश में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों का आंकड़ा 74 हो गया है. अकेले शिमला में ही तीन जगहों समर हिल में स्थित शिव मंदिर के साथ फागली और कृष्णनगर में हुए भूस्खलन की वजह से 21 लोगों की मौत हुई है. मंदिर के मलबे में अब भी आठ लोगों के दबे होने की आशंका है. मौसम अप्रत्याशित बना हुआ है. इस पहाड़ी प्रदेश में 24 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अबतक बिगड़े हालातों में 217 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. 

चारों तरफ तबाही और बर्बादी के निशान

हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद लैंडस्लाइड की बढ़ती घटनाओं ने सैकड़ों घरों को ज़मींदोज कर दिया है. आज हर तरफ तबाही और बर्बादी के निशान दिख रहे हैं. स्थानीय लोग सदी की इस सबसे बड़ी त्रासदी के कहर से सदमें में हैं. कई मौतों के बाद पसरे सन्नाटे के बीच शिमला के कई इलाकों में राहत और बचाव के काम में लगी मशीनों का शोर सुना जा सकता है. शिव मंदिर में हुए हादसे के 4 दिन बाद भी आपदा प्रबंधन टीम और सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है. इसके साथ ही मलबे से शवों के निकलने का सिलसिला भी जारी है. जिन्हें देखकर घरवालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. 

मौत के मुंह से निकले छात्र ने बताई दास्तान

कांगड़ा में भी कई लोग बाढ़ और बारिश की चपेट में आ गए थे. सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को बचाया है. शिमला, मंडी, कांगड़ा हर जगह हाल बेहाल है. ब्यास नदी का पानी तांडव मचा रहा है. ज़ी न्यूज़ की टीम ग्राउंड जीरो पर है. रेस्क्यू कामों का जायजा लेते हुए शिमला में हमारी टीम की मुलाकात प्रदीप नाम के छात्र से हुई जो शिव मंदिर दर्शन करने के लिए गए था. मौत के मुंह से बाहर निकल कर आए प्रदीप को अबतक विश्वास नहीं हो पा रहा है कि वो सही सलामत है. हालांकि प्रदीप इतना डरा है कि 14 अगस्त के बाद मंदिर नहीं गया है.

मंडी में अनहोनी की आहट

मंडी जिले में भी हालात बेहद खराब हैं. यहां के चार मंजिला जल शक्ति विभाग की इमारत पर खतरा मंडरा रहा है. सभी 100 कमरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ चुकी हैं. कभी भी हादसा हो सकता है. प्रशासन के मुताबिक जिले में अब तक 267 घर टूट चुके हैं, वहीं 31 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. वहीं इस क्षेत्र में 19 लोगों की मौत भी हो चुकी है. 

कुल्लू में जनजीवन अस्तव्यस्त

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में लैंडस्लाइड और भारी बारिश की वजह से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. कुल्लू में सड़कें टूट जाने की वजह से पेट्रोल और डीजल की सप्लाई बंद हो गई थी. कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर आशुतोष गर्ग हालात की मॉनिटरिंग करके सरकार से क्वार्डिनेट करने के साथ हालात संभाल रहे हैं. यहां प्रशासन वैकल्पिक रास्ते से तेल के टैंकर पहुंचा रहा है. लेकिन अभी कुछ दिन हर एक को केवल दस लीटर ही पेट्रोल और डीज़ल मिलेगा. 

चंबा में ये क्या हो गया?

चंबा जिले में भी बारिश और लैंडस्लाइड से काफी नुक़सान हुआ है. जहां लोगों की जमीनें धंस गई हैं. वहीं 25 से अधिक मकान ध्वस्त हो चुके हैं. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने जिले के कई गांवों का दौरा किया. कुलदीप सिंह ने प्रभावित परिवारों को 60 हजार की राहत राशि भी मौके पर ही दी. हिमाचल प्रदेश में जिस तरह से लैंडस्लाइड हुआ है उसकी वजह से कई जगहों पर सड़कें बद हो गई हैं. प्रशासन इन सड़कों को खोलने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. राज्य में जिस तरह से तबाही हुई है उसके नुकसान की भरपाई आसान नहीं है. जाहिर है हिमाचल प्रदेश को अभी पूरी तरह से खड़ा होने में काफी वक्त लगेगा.

आज भी राहत और बचाव का काम जारी है. जो लोग अपनों को खो चुके हैं उनके इस नुकसान की भरपाई कभी नहीं हो सकती. वहीं जिनका परिवार सलामत है वो अब कुदरत की मार के प्रकोप के शांत होने का इंतजार कर रहे हैं.

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