सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उनकी कहानी में कहा जा रहा है कि IAS ऑफिसर कन्नन गोपीनाथन ने अपनी पहचान छुपाकर आठ दिनों तक केरल वालों की मदद की है.
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नई दिल्ली: केरल में बाढ़ की तबाही के बाद देशभर से मदद के हाथ आगे आए हैं. कोई आर्थिक मदद कर रहा है तो कोई सामान देकर केरल वालों की जिंदगी पटरी पर लौटाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग शारीरिक रूप से केरल वालों की मदद के लिए आग आए हैं. इसी कड़ी में एक IAS ऑफिसर का नाम सामने आया है, जो अपनी पहचान छुपाकर केरल वालों की मदद कर रहे थे. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही उनकी कहानी में कहा जा रहा है कि IAS ऑफिसर कन्नन गोपीनाथन ने अपनी पहचान छुपाकर आठ दिनों तक केरल वालों की मदद की है. जब उनकी पहचान जाहिर हुई तो सभी हैरान रह गए और देश के प्रति उनकी निष्ठा को देखकर उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं.
2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के ऑफिसर कन्नन केरल के कोट्टयम के रहने वाले हैं और इस वक्त दादरा ऐंड नगर हवेली के कलेक्टर हैं. बताया जा रहा है कि केरल में आई तबाही का मंजर देखकर उनसे नहीं रहा गया और उन्होंने पर्सनल कारण बताकर नौकरी से छुट्टी ले ली. इसके बाद वह अपने गृह राज्य कोट्टयम आ गए. यहां आकर उन्होंने किसी को नहीं बताया कि वह IAS ऑफिसर हैं. वे यहां आकर बाढ़ के बाद पैदा हुई समस्या को दूर करने में लग गए.
Lending a helping hand at a relief material Collection Centre. Hats off to the so many volunteers putting in dedicated efforts. #KeralaFloods pic.twitter.com/KU3LOhaFWA
— Kannan (@naukarshah) August 29, 2018
With some of the dedicated volunteers/Govt staff who were diligently working so that the relief materials reach the needy at the earliest. #NumerousHeroes #RebuildKerala #KeralaFloods pic.twitter.com/xv5ziV288E
— Kannan (@naukarshah) August 29, 2018
एक IAS ऑफिसर होते हुए भी गोपीनाथन ने लोगों के घर की सफाई तक में मदद की. कई लोगों को उनके घर तक पहुंचाया. लोगों को एकत्र करके उन्हें स्वयंसेवी संस्थाओं या सरकार की ओर से मुहैया कराई जा रही सुविधाओं के बारे में बताया गया. साथ ही उनका लाभ लेने के तरीके भी बताए. उन्होंने अलपुझा और एर्नाकुलम में सबसे ज्यादा जनसेवा किया. केरल में जनसेवा शुरू करने से पहले IAS कन्नन गोपीनाथन ने दादरा एंड नगर हवेली प्रशासन की ओर से 1 करोड़ रुपए का चेक केरल मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में भी जमा कराया है.
बताया जा रहा है कि कन्नन की पहचान एर्नाकुलम में उजागर हुई जब केबीपीएस प्रेस सेंटर पहुंचे एर्नाकुलम के कलेक्टर ने काम कर रहे कन्नन को पहचान लिया. वहा मौजूद सभी लोग हैरान रह गए कि जिसके साथ वह इतने दिनों से काम कर रहे थे वह एक सीनियर आईएएस ऑफिसर हैं.
IAS ऑफिसर गोपीनाथन के इस काम को काफी सराहा जा रहा है. आईएएस एसोसिएशन ने भी गोपीनाथन की प्रशंसा करते हुए सोशल मीडिया पर उन्हें सैल्यूट किया है. इस IAS की कहानी सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है.