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नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC Civil Service Exam) की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स सालों-साल तक मेहनत करते हैं और फिर भी सफलता नहीं मिल पाती है, लेकिन कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जो बिना कोचिंग के घर पर रहकर एग्जाम क्लिकर कर लेते हैं. ऐसी ही कहानी हरियाणा के नसरुल्लागढ़ की रहने वाली वंदना सिंह चौहान (Vandana Singh Chauhan) है, जिन्होंने परिवार के विरोध के बावजूद यूपीएससी एग्जाम में सफलता हासिल की और 8वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा किया.
वंदना सिंह चौहान (Vandana Singh Chauhan) के लिए आईएएस बनने का सफर इतना आसान नहीं था, क्योंकि उनका पूरा परिवार पढ़ाई के खिलाफ था. वंदना का जन्म हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव के एक पारंपरिक परिवार में हुआ था और उनके घर में लड़कियों को पढ़ाने का चलन नहीं था.
दादा, ताऊ, चाचा और परिवार के अन्य पुरुषों के विरोध के बावजूद वंदना सिंह चौहान (Vandana Singh Chauhan) के पिता बेटी की जिद्द के आगे झुक गए. उन्होंने वंदना को पढ़ने के लिए मुरादाबाद के पास लड़कियों के गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेज दिया. वे कहते हैं कि बेटी को पढ़ाने के लिए मैंने सबका गुस्सा झेला, सबकी नजरों में बुरा बना, लेकिन अपना फैसला नहीं बदला.
गुरुकुल में रहकर 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद वंदना सिंह चौहान (Vandana Singh Chauhan) ने घरपर रहकर लॉ की पढ़ाई की और कभी कॉलेज नहीं गई. एग्जाम देने के लिए भी उनके पिता अपने साथ लेकर जाते थे. यहां तक कि वंदना पढ़ाई के लिए किताबें भी ऑनलाइन मंगाती थीं या उनका भाई खरीदकर लाता था.
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इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, वंदना सिंह चौहान (Vandana Singh Chauhan) ने लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू की और गुरुकुल में सीखा हुआ अनुशासन तैयारी के दौरान बेहद काम आया. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए वंदना ने ना ही कोई कोचिंग जॉइन की और ना ही किसी ने उनकी मदद की. घर पर रहकर वंदना रोजाना 12-14 घंटे की पढ़ाई करती थी.
वंदना सिंह चौहान (Vandana Singh Chauhan) ने कड़ी मेहनत से एक साल तक यूपीएससी एग्जाम की तैयारी की और पहले प्रयास में ही सफलता हासिल कर ली. वंदना ने साल 2012 में ऑल इंडिया में 8वीं रैंक हासिल कर आईएएस अफसर (IAS Officer) बनने का सपना पूरा किया.