महाराष्ट्र की राजनीति उलझती जा रही है. सोमवार को तीन नेताओं के ऐसे बयान आए, जिसके बाद महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर नए सिरे से माथापच्ची शुरू हो गई है. सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तारीफ कर दी. प्रधानमंत्री ने एनसीपी और बीजेडी की संसद के वेल से दूर रहने के लिए तारीफ की.
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मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति उलझती जा रही है. सोमवार को तीन नेताओं के ऐसे बयान आए, जिसके बाद महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर नए सिरे से माथापच्ची शुरू हो गई है. सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तारीफ कर दी. प्रधानमंत्री ने एनसीपी और बीजेडी की संसद के वेल से दूर रहने के लिए तारीफ की.
पीएम मोदी ने कहा, 'आज मैं दो पार्टियों की प्रशंसा करना चाहता हूं, एनसीपी और बीजेडी. इन पार्टियों ने शानदार तरीके से संसदीय नियमों का पालन किया है. वे कभी भी वेल में नहीं आए. उन्होंने अपने मुद्दे को काफी प्रभावी तरीके से रखा. इससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है.' इस बयान की इसलिए महत्ता है, क्योंकि भाजपा, महाराष्ट्र में 105 सीटें होने के बावजूद सरकार नहीं बना सकती और एनसीपी वहां किंगमेकर बनकर उभरी है.
रामदास अठावले ने दिया सरकार बनाने का फॉर्मूला
केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले ने सोमवार को संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान महाराष्ट्र में सरकार बनाने का नया फॉर्मूला बता गए. अठावले ने कहा, 'मैंन शिवसेना सांसद संजय राउत से उनकी शर्त को लेकर बात की है. मैंने उन्हें 3-2 का फॉर्मूला सुझाया है, जिसमें दो साल शिवसेना और 3 साल के लिए बीजेपी का सीएम होगा. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी इस फॉर्मूले पर बढ़ती है तो शिवसेना विचार करेगी. मैं बीजेपी से भी इसपर बात करूंगा.' अठावले के इस बयान के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि क्या शिवसेना की शर्त के आगे बीजेपी झुक जाएगी. फिर से दोनों दल एकजुट होकर महाराष्ट्र में सरकार बना लेंगे.
शरद पवार के बयान से शिवसेना हो सकती है परेशान
सोमवार शाम को एनसीपी प्रमुख शरद पवार की कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई. इस मुलाकात के बाद शरद पवार ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के मौजूदा राजनीतिक हालात की जानकारी विस्तार से सोनिया गांधी को बताया. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सरकार बनाने को लेकर दोनों नेताओं के बीच कोई बातचीत नहीं हुई. पवार का बयान शिवसेना को परेशान कर सकती है. एनसीपी प्रमुख से जब पूछा गया कि वह किसके साथ हैं, इसपर उन्होंने बेहद गोलमोल जवाब दिया कि वह सबके साथ हैं. पवार के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं.'
शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा, 'किसी के साथ जाने या ना जाने पर कोई बात नहीं हुई. हमें अपनी साथी दलों से भी बात करनी होगी. मुझे नहीं पता की शिवसेना के पास कितने विधायक हैं. उनसे पूछिए, हम तो सबके साथ हैं. हमारी पार्टी की नीति सिर्फ हम ही तय करेंगे. किसके साथ जाना है यह सिर्फ हम तय करेंगे.'
पीएम मोदी की ओर से राज्यसभा में एनसीपी की तारीफ किए जाने पर शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा, 'सदन की डिग्निटी (गौरव) का ख्याल रखना ज़रूरी है. यही हमारी नीति है. हमने भाजपा के खिलाफ ही चुनाव लड़ा.'
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