370 के बाद कश्मीर पर 'चुगलखोर' बना चीन, लेकिन 'थानेदारी' नहीं सहेगा हिंदुस्तान
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370 के बाद कश्मीर पर 'चुगलखोर' बना चीन, लेकिन 'थानेदारी' नहीं सहेगा हिंदुस्तान

जम्मू-कश्मीर से जब से भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35A को हटाया है तब से चीन कश्मीर पर कुछ न कुछ बयानबाज़ी करता रहा है

370 के बाद कश्मीर पर 'चुगलखोर' बना चीन, लेकिन 'थानेदारी' नहीं सहेगा हिंदुस्तान

नई दिल्ली: सीमा पार से फायरिंग कर आतंकियों की घुसपैठ कराना पाकिस्तान की पुरान आदत रही है. पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान इसी कोशिश में लगा हुआ है. बॉर्डर से सटे राजौरी, पुंछ इलाके में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी हो रही है. यहां तक कि पाकिस्तान की ओर से मोर्टार तक दागे जा रहे हैं. पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है.

सेना पाकिस्तान को उसी की भाषा में सबक सिखा रही है. इसी का नतीजा है कि भारत ने पिछले तीन दिनों के दौरान करीब 40 पाकिस्तानी रेंजर्स को ढेर कर दिया है. यहां तक कि पाकिस्तान की कई चौकियों को भी तबाह कर दिया है.  पाकिस्तानी सेना ने इतना ज़रूर मान लिया है कि भारत की फायरिंग में उसके 2 जवान मारे गए हैं. भारत ने पाकिस्तान को उसके किए की सज़ा दी तो सबसे ज्यादा दर्द हुआ पाकिस्तान के सबसे बड़े हिमायती चीन को. 

पाकिस्तान को चोट, चीन को दर्द
चीन जो पाकिस्तान को शह देता है, उसके हर एक करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश करता है. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद पर बचाने के लिए आ जाता है. उसी चीन को अब पाकिस्तान को चोट पहुंचने पर दर्द हो रहा है. चीन नहीं चाहता कि पाकिस्तान को और ज्यादा नुकसान हो, इसीलिए चीन की सरकार ने एक बयान जारी कर दोनों देशों को शांति की नसीहत देने की कोशिश की है. 

चीन को पाकिस्तान की कायरता के आंकड़े देखने की जरूरत है. इस साल अब तक पाकिस्तान ने 3200 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है, जो 2018 के मुकाबले दोगुना है । 2018 में पाकिस्तान ने 1629 बार भारतीय सीमा में गोलीबारी की थी. इस साल अकेले दिसंबर महीने में ही पाकिस्तान की ओर से 331 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया है. पाकिस्तान की कायरता के सबूतों को चीन देखना नहीं चाहता. वर्ना भारत को कश्मीर पर ज्ञान देने की कोशिश न करता. 

जम्मू-कश्मीर से जब से भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35A को हटाया है तब से चीन कश्मीर पर कुछ न कुछ बयानबाज़ी करता रहा है. 6 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पर लिए गए फैसले पर चीन ने कश्मीर की स्थिति पर ‘चिंता’ जताने का नाटक किया. फिर 16 अगस्त, 2019 को UN में कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की लेकिन भारत को दुनिया के सभी बड़े देशों का समर्थन मिला.

9 सितंबर, 2019 को कश्मीर पर पाकिस्तान-चीन के साझा बयान पर भारत ने चीन को करारा जवाब दिया. 9 अक्टूबर, 2019 को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इमरान खान से कहा कि कश्मीर पर चीन की 'करीबी नजर' है. 31 अक्टूबर, 2019 को जम्मू-कश्मीर को दो केन्द्र शासित प्रदेश बनाने पर चीन ने आपत्ति जताई. फिर 17 दिसंबर, 2019 को UNSC में रूस के विरोध के बाद चीन ने 'कश्मीर पर चर्चा' प्रस्ताव वापस लिया. चीन को ये समझना होगा कि कश्मीर मुद्दे पर दुनिया की महाशक्ति अमेरिका को भारत ने हैसियत दिखा दी तो चीन की भला बिसात ही क्या है. 

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