शिवसेना का सवाल, क्या PM मोदी भगवान राम को कानून से बड़ा नहीं मानते?
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शिवसेना का सवाल, क्या PM मोदी भगवान राम को कानून से बड़ा नहीं मानते?

 शिवसेना बीजेपी की सहयोगी पार्टी है और उसने अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. उसने दलील दी है कि मामला दशकों से अदालतों में चल रहा है.

शिवसेना नेता संजय राउत ने पीएम मोदी के इंटरव्यू पर अपनी बात रखी है.

मुंबई: शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए किसी अध्यादेश पर निर्णय न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही करेगी. शिवसेना बीजेपी की सहयोगी पार्टी है और उसने अयोध्या में मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अध्यादेश लाने की मांग की है. उसने दलील दी है कि मामला दशकों से अदालतों में चल रहा है.

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  2. पीएम ने कोर्ट का फैसला आने तक का इंतजार करने को कहा
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शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राम मंदिर तत्काल (सुनवाई वाला) मामला नहीं है. मोदी ने भी कुछ अलग नहीं कहा. मैं उन्हें मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए बधाई देता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘(प्रधानमंत्री कहते हैं) राम मंदिर के लिए कोई अध्यादेश नहीं लाएंगे. इसका संवैधानिक अर्थ यह है कि भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं.’

उल्लेखनीय है कि विभिन्न टेलीविजन चैनलों द्वारा प्रसारित एक साक्षात्कार में मोदी से अयोध्या में राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने के विभिन्न हिंदुत्व समूहों की मांग के बारे में सवाल किया गया. इस पर मोदी ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने दीजिये. न्यायिक प्रक्रिया समाप्त होने पर एक सरकार के तौर पर जो भी हमारी जिम्मेदारी होगी, हम सभी प्रयास करने को तैयार हैं. ज्ञातव्य है कि शिवसेना ने राममंदिर मुद्दे को लेकर अपना रुख कड़ा कर लिया है. 

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गत महीने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक रैली में बीजेपी के सहयोगी दलों से राम मंदिर मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा था.

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राम मंदिर पर बीजेपी के आश्वासन की विश्वसनीयता बहुत कम: येचुरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अयोध्या में राम मंदिर पर अध्यादेश लाने का कोई फैसला लेने के संकेतों के बीच, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को कहा कि बीजेपी द्वारा दिये गये आश्वासनों की विश्वसनीयता बहुत कम है. उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ बीजेपी की एकमात्र योजना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करना है.

मोदी की टिप्पणियों पर येचुरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘हमने 1992 में बीजेपी के मुख्यमंत्री को बाबरी मस्जिद की सुरक्षा के झूठे आश्वासन देते हुए सुना. विध्वंस के बाद, इस पर उन्होंने सफल होने का दावा किया. बीजेपी द्वारा दिये गये इन आश्वासनों की विश्सनीयता बहुत कम है.'

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