मामले के निर्णय के दौरान यह पाया गया कि देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीएमपीएल) ने फेमा का उल्लंघन करते हुए भारत के बाहर स्थित निवेशकों से निवेश प्राप्त किया.
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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एंट्रिक्स-देवास सौदा मामले में विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन के आरोपों को लेकर देवास मल्टीमीडिया, इसके निदेशकों और विदेशी निवेशक कंपनियों को 1,585 करोड़ रूपये के जुर्माने का नोटिस जारी किया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और पूर्ववर्ती विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा निर्धारित की गई शर्तों का उल्लंघन करते हुए करीब 578 करोड़ रूपये का विदेशी निवेश प्राप्त करने के आरोप में यह जुर्माना लगाया गया है.
जांच पूरी करने के बाद 30 जनवरी को यह नोटिस जारी किया गया. मामले के निर्णय के दौरान यह पाया गया कि देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड (डीएमपीएल) ने फेमा का उल्लंघन करते हुए भारत के बाहर स्थित निवेशकों से निवेश प्राप्त किया. अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दक्षिणी रेंज के विशेष निदेशक के निर्णय के बाद डीएमपीएल, विदेशी कंपनियों (निवेशकों) और डीएमपीएल के विदेशी निदेशकों पर कुल 1585. 08 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया गया.
गौरतलब है कि डीएमपीएल और सरकारी कंपनी एंट्रिक्स के बीच एक सौदा हुआ था. एंट्रिक्स इसरो के नियंत्रण में है और यह इसरो की वाणिज्यिक इकाई के रूप में काम करती है. जांच एजेंसी ने 2012 में फेमा के तहत एक शिकायत दर्ज की थी और सौदे की धन शोधन अधिनियम के तहत भी वह जांच कर रही है. एंट्रिक्स ने एस-बैंड रेडियो तरंगें मुहैया करने के लिए जनवरी 2015 में देवास के साथ एक सौदे पर हस्ताक्षर किया था. गौरतलब है कि ये तरंगें मुख्य रूप से देश के सामरिक उद्देश्यों के लिए रखी गई थी.
(इनपुट भाषा से)