Snakes in Jagannath Mandir: 'रत्न भंडार का खुला दरवाजा तो नागराज...', सामने आ गया जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा राज
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Snakes in Jagannath Mandir: 'रत्न भंडार का खुला दरवाजा तो नागराज...', सामने आ गया जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा राज

Ratna Bhandar Jagannath Temple: 46 साल बाद जब भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार खुला तो उसे देखकर राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी के सदस्य हैरान थे. रत्न भंडार में कौन-कौन से आभूषण मिले और कितनी संख्या में आभूषण मिले,अब इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

Snakes in Jagannath Mandir: 'रत्न भंडार का खुला दरवाजा तो नागराज...', सामने आ गया जगन्नाथ मंदिर का सबसे बड़ा राज

Puri Jagannath Temple Ratna Bhandar: पुरी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल बाद फिर से खोल दिया गया. 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ के दरवाजे रविवार दोपहर को फिर से खोल दिए गए. ऐसा कहा जाता था कि जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार और खजाने की रक्षा करते सांप करते हैं. सवाल है कि क्या हुआ जब खजाने वाला दरवाजा खुला? क्या अंदर से सांप निकले और अगर सांप निकले तो उनकी संख्या कितनी थी? चलिए आज इन सवालों के जवाब आपको बताते हैं.

46 साल बाद जब भगवान जगन्नाथ का रत्न भंडार खुला तो उसे देखकर राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी के सदस्य हैरान थे. रत्न भंडार में कौन-कौन से आभूषण मिले और कितनी संख्या में आभूषण मिले,अब इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है.

दावा किया जा रहा था कि भगवान जगन्नाथ के रत्न भंडार की रक्षा कई सांप करते हैं और जो भी रत्न भंडार खोलेगा उसे सांप दिखेंगे? रविवार को रत्न भंडार खोलने के लिए पहुंची टीम ने एहतियात सपेरों को भी बुलाया था.एक दो नहीं बल्कि 11 सपेरे तैयारी के साथ जगन्नाथ मंदिर में पहुंचे थे और उनके अलावा डॉक्टर की टीम भी मौजूद थी. 

क्या भंडार खुलने पर मिला सांप?

लेकिन जब रत्न भंडार खुला तो वहां एक भी सांप नहीं मिला. स्थानीय प्रशासन के मुताबिक रत्न भंडार में सांप तो क्या कोई रेंगने वाला जानवर भी नहीं मिला. मतलब रत्न भंडार की रक्षा सांप करते हैं वाला दावा सिर्फ अफवाह साबित हुआ.

ओडिशा के कैबिनेट मंत्री पृथ्वीराज हरीचंदन ने कहा, 'सब झूठी और मनगढ़ंत बात थी कि सांप है. सब मिथ है और इस झूठी कहानी को लेकर हम तैयार थे. डॉक्टर की टीम स्नैक कैचर की टीम सब मौजूद थी. कोई प्रॉब्लम नहीं हुई और आराम से काम हुआ.

मंदिर में हैं रत्न के 2 भंडार

जगन्नाथ मंदिर में रत्न के 2 भंडार हैं. पहला भंडार आंतरिक खजाना और दूसरा बाहरी खजाना. बाहरी खजाने में भगवान जगन्नाथ के सोने से बने मुकुट, सोने के 3 हार हैं. जिनमें से प्रत्येक का वजन 120 तोला है. भगवान जगन्नाथ और बलभद्र के सोने से बने श्रीभुजा और श्रीपयार है. आंतरिक खजाने में करीब 74 गहने हैं, जिनमें से हर एक का वजन 100 तोला है. 140 से ज्यादा चांदी के गहने भी खजाने में हैं.

साल 2018 में ओडिशा की तत्कालीन सरकार ने बताया था. 1978 में रत्न भंडार से 140 किलो सोने के गहने और 256 किलो चांदी के बर्तन मिले थे.अब 46 साल बाद रत्न भंडार में कितना सोना-चांदी मिला है. इसकी रिपोर्ट के लिए कुछ दिन इंतजार करना होगा.

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