Ayodhya Light Theft: रामलला ही बताएंगे लाइट चोर कौन है! अयोध्या पुलिस कह रही हो नहीं सकता और ठेकेदार कह रहा हुआ..
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Ayodhya Light Theft: रामलला ही बताएंगे लाइट चोर कौन है! अयोध्या पुलिस कह रही हो नहीं सकता और ठेकेदार कह रहा हुआ..

Ayodhya Light Theft: अयोध्या में लगी फैंसी लाइटें चोरी होने के मामले पर कमिशनर गौरव दयाल का बयान आया है. उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने बताया है कि पेड़ों से बांस की फैंसी लाइटें चोरी हो गई हैं. इतनी बड़ी संख्या में लाइटें चोरी होना संभव नहीं है.

Ayodhya Light Theft: रामलला ही बताएंगे लाइट चोर कौन है! अयोध्या पुलिस कह रही हो नहीं सकता और ठेकेदार कह रहा हुआ..

Ayodhya Light Theft: रामलला की नगरी अयोध्या इन दिनों सुर्खियों में है. ताजा मामला लाइट चोरी का है. रामपथ को लाइट से जगमग करने का प्रोजेक्ट विवादों में आ गया है. जिस ठेकेदार को ये काम मिला था.. उसने 50 लाख रुपये से अधिक कीमत की लाइटों की चोरी का आरोप लगाया है. पुलिस ने शिकायत तो दर्ज कर ली लेकिन यह भी कह रही है कि रामपथ पर चोरी हो ही नहीं सकती. बुधवार को अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल ने भी कहा कि लाइट चोरी का सवाल ही नहीं उठता. 

फिर भी हम इसकी जांच करेंगे..

अयोध्या में लगी फैंसी लाइटें चोरी होने के मामले पर कमिश्नर गौरव दयाल का बयान आया है. उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने बताया है कि पेड़ों से बांस की फैंसी लाइटें चोरी हो गई हैं. इतनी बड़ी संख्या में लाइटें चोरी होना संभव नहीं है. क्योंकि अयोध्या में दिन-रात पुलिस गश्त करती है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक हमने इतनी बड़ी संख्या में लाइटें नहीं लगवाई थीं, क्योंकि बताया जा रहा है कि करीब 3600 लाइटें चोरी हुई हैं. फिर भी हम इसकी जांच करेंगे...

घपले की चर्चाओं ने पकड़ा जोर 

ऐसे में रामपथ पर लाइटों के लगाने में घपले की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. कहा जा रहा है कि ठेकेदार जिन लाइटों की चोरी होने की बात कह रहा है.. वो लाइटें लगाई ही नहीं गईं. जांच में यह सामने आ जाएगा कि लाइटें चोरी हुईं या फिर लगाई ही नहीं गईं. लेकिन अगर लाइटें नहीं लगाई गईं तो यह यूपी के बड़े घोटालों में एक हो सकता है. क्योंकि ये मामला सीधे रामलला से जुड़ा हुआ है. रामलला से ही नहीं बल्कि करोड़ों लोगों से भी जुड़ा हुआ है जो रामलला में आस्था रखते हैं.

इन सवालों में उलझी लाइट चोरी की गुत्थी 

अयोध्या में रामलला मंदिर की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर हुई लाइटों की चोरी की घटना ने न केवल स्थानीय बल्कि देशभर में लोगों को स्तब्ध कर दिया है. यह घटना कई सवाल खड़े करती है. कैसे इतनी बड़ी संख्या में लाइटें चोरी हो गईं? अयोध्या एक धार्मिक स्थल है और यहां सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत मानी जाती है. फिर भी इतनी बड़ी संख्या में लाइटें चोरी होना संभव कैसे हुआ?

किसी तरह की मिलीभगत तो नहीं?

चोरी की घटना की FIR दो महीने बाद क्यों दर्ज कराई गई? इस देरी के पीछे क्या कारण हो सकते हैं? क्या इसमें किसी तरह की मिलीभगत है? क्या यह घटना किसी साजिश का हिस्सा है? कुछ लोग इस घटना को किसी साजिश से जोड़कर देख रहे हैं. क्या इस घटना के पीछे कोई राजनीतिक मकसद हो सकता है?

राजनीतिक षड्यंत्र तो नहीं..

इस घटना का अयोध्या की छवि पर क्या असर पड़ेगा? अयोध्या एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो रहा है. इस घटना से अयोध्या की छवि को नुकसान पहुंच सकता है. हो सकता है कि सुरक्षा व्यवस्था में कहीं कोई चूक हुई हो. हो सकता है कि इस चोरी में अंदरूनी लोगों का हाथ हो. हो सकता है कि चोरी हुई लाइटों की बाजार में अच्छी मांग हो. कुछ लोग इस घटना को किसी राजनीतिक षड्यंत्र से जोड़कर देख रहे हैं.

निष्पक्ष जांच की दरकार

पुलिस को इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच करनी चाहिए. इस चोरी में शामिल दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाना चाहिए. इस मामले में पूरी पारदर्शिता बरती जानी चाहिए. यह घटना एक बार फिर हमें यह याद दिलाती है कि किसी भी धार्मिक स्थल की सुरक्षा करना कितना महत्वपूर्ण है. इस मामले में गंभीरता से विचार करने और आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है.

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