जम्मू-कश्मीर: Mughal Garden पर लग सकती है UNESCO की मुहर, संरक्षण के साथ पूरा हुआ ये काम
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जम्मू-कश्मीर: Mughal Garden पर लग सकती है UNESCO की मुहर, संरक्षण के साथ पूरा हुआ ये काम

Jammu-Kashmir Latest News: कश्मीर का विश्व प्रसिद्ध मुगल गार्डन (Mughal Garden) अब यूनेस्को (Unesco) की विश्व धरोहर साइट्स में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है. प्रशासन ने इसके लिए खास तैयारियां की हैं.

फाइल फोटो

जम्मू: कश्मीर (Kashmir) का मशहूर मुगल गार्डन (Mughal Garden) को यूनेस्को की विश्व धरोहर (UNESCO World Heritage) का टैग मिलने के लिए पूरी तरह तैयार है. जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) प्रशासन ने वादी में 6 बगीचों (Gardens) के संरक्षण के लिए एक निजी फर्म के साथ एक समझौता किया है. वहीं इस टैग के साथ, सरकार को उम्मीद है कि इससे घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और ये गार्डन दर्शनीय स्थल के तौर पर विकसित हो सकेंगे. सरकारी विभाग ने बगीचों का संरक्षण करने के लिए बड़े पैमाने पर योजना बनाई गई है. इस काम के लिए बागवानी के एक्सपर्ट, आर्किटेक्ट, और कुछ इतिहासकारों को भी शामिल किया गया है. 

  1. विश्व धरोहर साइट बनेगा मुगल गार्डन!
  2. यूनेस्को की टीम को सौंपे गए दस्तावेज
  3. प्रशासन ने युद्ध स्तर पर किया संरक्षण

नतीजे का इंतजार

उद्धान विभाग के अधिकारी जावेद मसूद के मुताबिक उनकी निगरानी में कुल 6 बाग हैं. मुगल गार्डन तो पहले से ही वर्ल्ड हेरिटेज साइट की टेंटेटिव लिस्ट में हैं. ऐसे में कोशिश है कि ये सभी विश्व धरोहर की स्थायी सूची में आ जाएं. इसके लिए बहुत सारे काम कराये जा रहे हैं. जिसमें रिनोवेशन भी शामिल है. उन्होंने कहा, 'हमने फाइनल डॉजियर यूनेस्को को भेज दिया है और नतीजे का इंतजार कर रहे हैं.' 

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सैलानियों को हो रही जांच

जम्मू-कश्मीर सरकार ने श्रीनगर में मुगल गार्डन के प्रवेश द्वार पर रैपिड एंटीजन परीक्षण सुविधा शुरू की है. उद्यान के अधिकारी जावेद मसूद ने बताया कि जिनके पास कोरोना की आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट नहीं है, उन लोगों को प्रवेश देने से पहले कोविड जांच की जा रही है. 

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फोटो साभार: (ANI)

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक यूनेस्को की टीम इन बागों का निरीक्षण करने आ सकती है. ऐसे में फ़्लॉरिकल्चर विभाग इन उद्यानों की देखभाल और संरक्षण पर जोर दे रहा है. अधिकारियों ने ये भी कहा कि अगर उनके साझा प्रयास कामयाब रहे तो ये एक बड़ी उपलब्धि होगी. विश्व धरोहर का दर्जा मिलने के बाद यहां के पर्यटन में इजाफा होगा. वहीं वैश्विक स्तर पर भी इन बगीचों को नई पहचान मिलेगी.

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