जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल ने उन मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें दावा किया गया कि राज्य में दवाओं की कमी है.
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल ने उन मीडिया रिपोर्ट का खंडन किया है जिसमें दावा किया गया कि राज्य में दवाओं की कमी है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि राज्य में जरूरी वस्तुओं और दवाओं की कमी बिल्कुल भी नहीं है. सच्चाई यह है कि हमने ईद पर लोगों के घर पर सब्जियां, अंडे भेजे थे. मीडिया की राय 10-15 दिन में ही बदल गई.
मलिक ने कहा, "कश्मीर में जिस तरह के हालात हुए उससे तो पहले सप्ताह में 150 लोग मर जाते लेकिन हमारा दृष्टिकोण है कि एक भी जिंदगी की डोर नहीं टूटनी चाहिए. 10 दिन टेलीफोन नहीं होंगे, नहीं होंगे लेकिन हम बहुत जल्द सब वापस कर देंगे."
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि राज्य की 1166 में 1165 दवाई की दुकानें खुली हुई हैं. बयान में कहा गया, "कश्मीर घाटी में 7630 फुटकर दवा विकेता हैं जबकि 4331 थोक दवा की दुकानें हैं. औसतन 65 फीसदी दुकानें खुली हैं."
प्रशासन का कहना है कि 23.81 करोड़ की दवाएं फुटकर विक्रेताओं के पास पहुंची हैं जो कि पिछले 20 दिन में सबसे ज्यादा हैं. प्रशासन ने कहा है कि 15-2- दिन का अतिरिक्त स्टोरेज है. प्रशासन ने अपने बयान में कहा, "376 दवाएं सरकारी और निजी दवाई की दुकानों पर उपलब्ध हैं. 62 जीवनरक्षक दवाएं भी उपलब्ध हैं."
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाते हुए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केन्द्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था.