जेएनयू का नाम बदल कर सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए: स्वामी
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जेएनयू का नाम बदल कर सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए: स्वामी

दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का नाम बदलकर सुभाष चन्द्र बोस यूनिवर्सिटी रखने की मांग करते हुये भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमणयम स्वामी ने शनिवार को आरोप लगाया कि वह ऐसे लोगों का अड्डा बनता जा रही है जो देश के खिलाफ साजिश में शामिल है।

जेएनयू का नाम बदल कर सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी किया जाए: स्वामी

कानपुर : दिल्ली की जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का नाम बदलकर सुभाष चन्द्र बोस यूनिवर्सिटी रखने की मांग करते हुये भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमणयम स्वामी ने शनिवार को आरोप लगाया कि वह ऐसे लोगों का अड्डा बनता जा रही है जो देश के खिलाफ साजिश में शामिल है।

उन्होंने कहा कि जेएनयू को चार माह के लिये बंद कर देना चाहिए और वहां तलाशी अभियान चलाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के अलग-अलग हिस्सों में उत्तर प्रदेश समेत करीब पांच प्रतिशत लोग देशद्रोही हैं, जिसमें सबसे ज्यादा जेएनयू में हैं। उन्होंने दावा किया कि राम मंदिर का फैसला एक दो महीने में आ जाएगा। भाजपा नेता आज कानपुर के वीएसएसडी कालेज में ‘वैश्विक आतंकवाद’ (कश्मीर समस्या के संदर्भ में) विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करने आये थे। 

उन्होंने कहा कि जेएनयू का नाम बदलकर सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी कर देना चाहिए क्योंकि जवाहरलाल नेहरू इतने पढ़े-लिखे नही थे कि उनके नाम से किसी विश्वविधालय का नाम रखा जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कश्मीर में धारा 370 नेहरू के चलते ही लगी जबकि डा बाबा साहेब अंबेडकर ने इसका विरोध किया था।

कश्मीर मुददे पर उन्होंने कहा कि यह भारत का अभिन्न अंग है, कश्मीर का जो हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में उसे वापस लेने की कोशिश की जानी चाहिये और कश्मीरी पंडितो की घर वापसी होनी चाहिये। इसके लिये उन्होंने एक फार्मूला भी सुझाया कि कश्मीरी पंडितो के घरों में पूर्व सैनिको को हथियारों के साथ कुछ समय के लिये रख देना चाहिये और कुछ साल बाद वहां कश्मीरी पंडितो को बसा देना चाहिए। 

अयोध्या में राम मंदिर के मुददे पर भाजपा नेता स्वामी ने कहा कि हमारा एजेंडा साफ है पहले राम मंदिर का निर्माण करेंगे और बाद में धारा 370 का खात्मा। राम मंदिर मुद्दे का हल निकाला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में हमने प्रार्थना की है कि दिन प्रतिदिन इस मामले की सुनवाई हो और हमें उम्मीद है कि एक दो माह में इसका फैसला अदालत से आ जाएगा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार करते हुये उन्होंने कहा कि राहुल का जेएनयू जाने का कोई औचित्य नहीं था।

उन्होंने कहा कि जेएनयू के पांच प्रतिशत छात्रों को छोड़कर बाकी सब पढ़ना चाहते हैं। केवल पांच फीसदी छात्र जो कम्यूनिस्ट और कांग्रेस विचारधारा के है वहीं सब बवाल करते हैं। इसलिये इस यूनिवर्सिटी को चार माह बंद कर देना चाहिए। 

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