Kachchatheevu News: चिदंबरम ने जयशंकर पर हमला बोलते हुए यह भी कह दिया कि एक विनम्र अधिकारी से लेकर बीजेपी-आरएसएस के मुखपत्र तक की उनकी यात्रा है. लोग बहुत जल्दी रंग बदल लेते हैं.
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Chidambaram And Jaishankar: लोकसभा चुनाव से पहले कच्चातिवु द्वीप का जिन्न अचानक बाहर आ गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश की आजादी के बाद कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को देने के लिए कांग्रेस सरकारों की आलोचना की है, इसके बाद यह मामला गरम है. एस जयशंकर ने सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए इस मामले में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के रवैये की आलोचना की. इसके बाद कांग्रेस ने भी बीजेपी पर पलटवार किया है. इसी कड़ी में कांग्रेस दिग्गज पी चिदंबरम ने जयशंकर पर वापस हमला बोला है.
असल में जयशंकर ने बीजेपी का पक्ष रखते हुए उन्होंने कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को देने के लिए तमिलनाडु की वर्तमान डीएमके सरकार को भी जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि संसद में लगातार मछुआरों का मुद्दा उठाने वाली यही दोनों पार्टियां कांग्रेस और डीएमके इस समस्या के लिए जिम्मेदार हैं. इसके बाद चिदंबरम ने वापस कुछ सवाल बीजेपी से पूछे हैं.
कलाबाजी के इतिहास में दर्ज की जाएगी..
चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा कि लोग कितनी जल्दी रंग बदल लेते हैं. विदेश मंत्री इस मुद्दे पर कलाबाजी क्यों कर रहे हैं. एक 'सौम्य उदार विदेश सेवा अधिकारी' से 'आरएसएस-बीजेपी के मुखपत्र' बनने तक डॉ. जयशंकर की यात्रा कलाबाजी के इतिहास में दर्ज की जाएगी. उन्होंने यह भी लिखा कि यह सच है कि पिछले 50 वर्षों में मछुआरों को हिरासत में लिया गया है. इसी तरह, भारत ने कई श्रीलंकाई मछुआरों को हिरासत में लिया है. हर सरकार ने श्रीलंका से बातचीत की है और हमारे मछुआरों को मुक्त कराया है.
वाजपेयी सरकार का भी जिक्र करते हुए..
चिदंबरम ने वाजपेयी सरकार का भी जिक्र करते हुए लिखा कि तब भी और तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन में तब भी क्या श्रीलंका ने मछुआरों को हिरासत में नहीं लिया था? जब पीएम मोदी 2014 से सत्ता में थे तो क्या श्रीलंका ने मछुआरों को हिरासत में नहीं लिया था? उन्होंने एक सवाल यह भी किया कि क्या विदेश मंत्री श्री जयशंकर कृपया दिनांक 27-1-2015 के आरटीआई उत्तर का संदर्भ लेंगे. जिसमें कच्चातिवु के बारे में बताया गया था.
It is true that Fishermen were detained in the last 50 years. Likewise, India has detained many SL fishermen
Every government has negotiated with Sri Lanka and freed our fishermen
This has happened when Mr Jaishankar was a foreign service officer and when he was Foreign…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 1, 2024
Tit for tat is old. Tweet for Tweet is the new weapon.
Will Foreign Minister Mr. Jaishankar please refer to the RTI reply dated 27-1-2015.
I believe that Mr Jaishankar was the Foreign Secretary on 27-1-2015.
The Reply justified the circumstances under which India…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 1, 2024
फिलहाल अब कच्चातिवु का मामला गरमाया हुआ है. एक तरफ जहां बीजेपी इस द्वीप को श्रीलंका को सौंपने के लिए कांग्रेस और द्रमुक को जिम्मेदार ठहरा रही है. तो वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार शुरू कर दिया है. साथ ही डीएमके की तरफ से स्टालिन ने भी कच्चातिवु मुद्दे को लेकर पीएम द्वारा उनकी आलोचना किए जाने पर सोमवार को पलटवार करते हुए चुनाव से पहले मछुआरों के लिए बीजेपी के ‘‘अचानक उमड़े प्यार’’ पर सवाल उठाया है. देखने है यह मामला कहां जाकर पहुंचता है.