Karnataka Election में BJP का आखिरी दांव! जीत के लिए चल दिया ये ट्रंप कार्ड
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Karnataka Election में BJP का आखिरी दांव! जीत के लिए चल दिया ये ट्रंप कार्ड

Karnataka Election 2023: कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) ने ट्रंप कार्ड चलकर अपने विरोधियों को पीछे छोड़ने की कोशिश की है. बजरंगबली और टीपू सुल्तान चुनाव में जोर-शोर से उछल रहे हैं. आइए जानते हैं कि कर्नाटक में चुनाव प्रचार के आखिरी दो दिनों के लिए बीजेपी का क्या प्लान है.

Karnataka Election में BJP का आखिरी दांव! जीत के लिए चल दिया ये ट्रंप कार्ड

Karnataka Assembly Election: कर्नाटक (Karnataka) में चुनाव प्रचार के लिए अब सिर्फ दो दिनों का वक्त बचा है. ऐसे में इस विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी रविवार को कर्नाटक में चुनावी शोर और बढ़ने वाला है. सियासी योद्धा अब आपने आखिरी मोहरे चलने को तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज बेंगलुरु में अपना आखिरी रोड शो कर रहे. शनिवार को प्रधानमंत्री ने 26 किलोमीटर लंबा रोड शो किया था. बता दें कि कर्नाटक में चुनाव की सबसे रंगा-रंग और बयार बदलने वाली तस्वीर शनिवार को सामने आई. जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण के इस किले को बचाने के लिए सबसे लंबे रोड शो में शामिल हुए. 26 किलोमीटर के इस रोड शो में जनता ने प्रधानमंत्री मोदी पर खूब प्यार बरसाया. हालांकि ये प्यार वोटों में कितना बदलेगा ये 13 मई को पता चलेगा. लेकिन प्रधानमंत्री ने अपनी ताकत झोंक कर विपक्षी खेमे में हलचल तो पैदा कर ही दी.

कर्नाटक चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा!

पीएम मोदी के 26 किलोमीटर लंबे रोड शो में सड़क के दोनों तरफ सिर्फ भगवा रंग दिख रहा था. बीजेपी समर्थक पीएम मोदी पर गेंदे का फूल बरसाते रहे यानी फूल में भी भगवा रंग ही चढ़ा हुआ था. लेकिन पूरे रोड शो में सबसे ज्यादा अगर कुछ दिखा तो वो थे बजरंगबली. जब से कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को प्रतिबंधित करने की बात कही है. बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाते हुए बजरंगबली से जोड़ दिया और इसमें सबसे आगे खुद प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र मोदी ही रहें. ऐसे में पीएम मोदी के सबसे बड़े रोड शो में इस मुद्दे को कैसे पीछे छोड़ा जा सकता था. पीएम के रोड शो में हर चौराहे पर, सड़क पर, झंडे में बजरंगबली दिख रहे थे.

बीजेपी ने चला ट्रंप कार्ड!

रोड शो के बाद अपने संबोधन में भी प्रधानमंत्री मोदी ने एक बाद फिर बजरंगबली को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी के 26 किलोमीटर लंबे रोड शो का एक्टेंशन आज फिर देखने को मिल रहा है. पीएम मोदी आज बेंगलुरु में ही फिर 10 किलोमीटर लंबा रोड शो कर रहे हैं. आज प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा और रोड शो पर इसलिए भी नजर है क्योंकि बीजेपी के प्लान के मुताबिक नरेंद्र मोदी का इस कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार का आखिरी दिन है.

चुनाव में छाया बजरंगबली का मुद्दा

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही बीजेपी के हर नेता के जुबान पर इस बार बजरंगबली ही छाए रहे. कर्नाटक में प्रचार के लिए शनिवार को पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने पुत्तूर में रोड शो करने से पहले कांग्रेस पर हिंदू आस्था से खिलवाड़ का आरोप लगाया और चिक्कोडी की रैली में अमित शाह ने याद दिलाई कि कांग्रेस के नेता बजरंगबली के बर्थडे की तारीख पूछ रहे हैं.

टीपू सुल्तान पर भी रार

कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है ऐसे में अगले दो दिनों तक बीजेपी और कांग्रेस अपना पूरा जोर प्रचार में लगाएगी. बजरंगबली के साथ ही कर्नाटक चुनाव में एक बार फिर टीपू सुल्तान की भी एंट्री हो गई. असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को टीपू सुल्तान का वंशज बताकर नया विवाद छेड़ दिया है. हिमंता ने कहा कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार टीपू सुल्तान के वंशज हैं. टीपू की जयंती पाकिस्तान, बांग्लादेश में जाकर मनाओ.

एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के सभी दिग्गजों ने कर्नाटक में शनिवार को पूरी ताकत झोंकी तो कांग्रेस भी पीछे नहीं दिखी. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की संसदीय बोर्ड की अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार किसी चुनावी सभा में शामिल हुईं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ सोनिया गांधी ने कर्नाटक के हुबली में मेगा रैली को संबोधित किया. जहां सोनिया गांधी ने बीजेपी पर कर्नाटक की जनता को धमकाने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी के नेता कहते हैं कि अगर बीजेपी हार जाएगी तो कर्नाटक को प्रधानमंत्री मोदी का आशीर्वाद नहीं मिलेगा.

वहीं, कर्नाटक के बेलगावी में एक जनसभा के दौरान राहुल गांधी ने आतंकवाद के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा और कहा कि उनके परिवार ने सबसे ज्यादा आतंकवाद झेला है. कर्नाटक की चुनावी कहानी में विकास, रोजगार और महंगाई के मुद्दे पीछे छूट चुके हैं. बजरंगबली, टीपू सुल्तान और आतंकवाद आगे चल रहे हैं. हालांकि 13 मई को जब EVM खुलेगा उसके बाद मालूम चलेगा कि कर्नाटक की जनता ने किस मुद्दे पर मुहर लगाई और किस मुद्दे को सिरे से नकार दिया है.

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