Karnataka Political Drama: सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है. वहीं डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद दिया गया है. उनको कई अहम विभाग भी मिलेंगे. इसके अलावा साल 2024 तक डीके ही कर्नाटक में पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे.
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Karnataka Congress Meeting: कर्नाटक में भले ही कांग्रेस ने चुनाव जीत लिया हो लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसे लेकर पार्टी की कलह खुलकर सामने आ गई है. रविवार को बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार भी पहुंचे. इस बैठक में मुख्यमंत्री पर कोई फैसला नहीं हो पाया. बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे. जानकारी के मुताबिक, सोमवार को सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार, रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल दिल्ली आएंगे. इसके बाद कोई फैसला लिया जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाना चाहता है. वहीं डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम पद दिया गया है. उनको कई अहम विभाग भी मिलेंगे. इसके अलावा साल 2024 तक डीके ही कर्नाटक में पार्टी के अध्यक्ष रहेंगे. जिस होटल में कांग्रेस के विधायक दल की बैठक चल रही थी, उसके बाहर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की.
डीके के पास 70-75 विधायकों का समर्थन
जानकारी के मुताबिक, डीके शिवकुमार के समर्थक उनको मुख्यमंत्री बनाने की मांग पर अड़े हैं. बताया जा रहा है कि उनके पास 70-75 विधायकों का समर्थन है. डीके के समर्थकों ने बगावत तक के संकेत दे दिए हैं. वहीं सिद्धारमैया के समर्थक भी पीछे नहीं है. उन्होंने भी अपने नेता के लिए खूब नारेबाजी की. भले ही कांग्रेस कह रही हो कि पार्टी में सब ठीक है लेकिन विधायक दल की बैठक बेनतीजा रहने के बाद पार्टी की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है.
राज्य में दिखा पोस्टर वॉर
इससे पहले कर्नाटक में 'पोस्टर वॉर' भी देखने को मिला. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं के पोस्टर्स राज्य की सड़कों पर चिपका दिए. दोनों के पोस्टर्स में उनको मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई है. इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि वह सिद्धारमैया उनके साथ सहयोग करेंगे. उन्होंने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद मैंने पार्टी की कमान संभाली. तब वरिष्ठ नेता दिनेश गुंडू राव और सिद्दारमैया ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. जब मुझे मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था, क्या मैंने धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा नहीं की थी?
सिद्धारमैया ने 2013 में सीएम का पदभार संभालने के बाद लंबे समय तक शिवकुमार को कैबिनेट से बाहर रखा था। शिवकुमार ने कहा, मैंने उन्हें (सिद्धारमैया को) अपना सहयोग दिया है. कांग्रेस ने शिवकुमार और सिद्धारमैया की बराबर कोशिशों से बहुमत पाया है और पार्टी आलाकमान कह रहा है कि वह विधानमंडल दल की बैठक के बाद फैसला लेगा.