कुलभूषण जाधव मामला: भारत ने पाकिस्तान के वकील की अभद्र भाषा पर आपत्ति जताई
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कुलभूषण जाधव मामला: भारत ने पाकिस्तान के वकील की अभद्र भाषा पर आपत्ति जताई

भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने आईसीजे में भारत के मामले को रखते हुए, सुनवाई के दूसरे दिन पाकिस्तानी वकील ख्वाजा कुरैशी द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर अदालत का ध्यान दिलाया.

हरीश साल्वे ने आईसीजे के जजों को बताया कि जबरिया कुबूलनामे के आधार पर जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई थी.

हेग: भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव के मामले में सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के वकील की ओर से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर कड़ी आपत्ति जताई है और संयुक्त राष्ट्र की अदालत से लक्ष्मण रेखा खींचने की गुजारिश की.

भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने आईसीजे में भारत के मामले को रखते हुए, सुनवाई के दूसरे दिन पाकिस्तानी वकील ख्वाजा कुरैशी द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर अदालत का ध्यान दिलाया.

कुलभूषण जाधव मामले में दूसरे दौर की सार्वजनिक सुनवाई शुरू होने पर साल्वे ने कहा, "जिस तरह की भाषा इस अदालत में गूंजी है... यह अदालत कुछ लक्ष्मण रेखाओं का निर्धारण कर सकती है. उनके भाषण की भाषा में बेशर्म, बकवास, लज्जाजनक जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है... भारत अंतरराष्ट्रीय अदालत में इस तरह से संबोधित किए जाने पर आपत्ति जताता है."  उन्होंने कहा, "भारत पाकिस्तानी वकील की अभद्र भाषा पर कड़ा ऐतराज जताता है." 

जाधव मामले में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हरीश साल्वे ने कहा कि आईसीजे में कार्यवाही को पटरी से उतारने के पाकिस्तान के तीनों प्रयास नाकाम रहे हैं. हरीश साल्वे ने आईसीजे के जजों को बताया कि जबरिया कुबूलनामे के आधार पर जाधव को फांसी की सजा सुनाई गई थी.

जाधव भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्हें बंद कमरे में सुनवाई के बाद अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने ‘जासूसी और आतंकवाद’ के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी. 

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