लखीमपुर खीरी हिंसा की SIT जांच के आदेश, 6 सदस्यीय टीम गठित
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लखीमपुर खीरी हिंसा की SIT जांच के आदेश, 6 सदस्यीय टीम गठित

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) की जांच एसआईटी (SIT) करेगी. जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT टीम गठित कर दी गई है.  

लखीमपुर खीरी हिंसा की SIT जांच के आदेश, 6 सदस्यीय टीम गठित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) की जांच एसआईटी (SIT) करेगी. जांच के लिए 6 सदस्यीय SIT टीम गठित कर दी गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से कहा गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. IG रेंज लखनऊ रश्मि सिंह की तरफ से इस बाबत जानकारी दी गई है. साथ ही इस मामले में एक रिटायर्ड जस्टिस की निगरानी में न्यायिक जांच भी होगी. 

  1. लखीमपुर खीरी हिंसा की हकीकत आएगी सामने?
  2. यूपी सरकार ने लिया एसआईटी जांच का फैसला
  3. जांच के लिए 6 सदस्यीय एसआईटी टीम गठित

क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा की FIR में?

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. एफआईआर में लिखा है, '3 अक्टूबर 2021 को किसान और मजदूर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, अजय मिश्र और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शासन उत्तर प्रदेश के विरुद्ध काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज, क्रीड़ा स्थल, तिकुनिया खीरी पर शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. घटना 3 बजे की है.'

एफआईआर में आगे लिखा है, 'उक्त केंद्रीय गृह मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू अपने तीन-चार वाहनों पर सवार 15-20 अज्ञात असलहों से लैस व्यक्तियों के साथ बनवीरपुर से सभा स्थल की तरफ तीव्र गति से आये. आशीष मिश्रा उर्फ टोनी अपनी थार महिंद्रा गाड़ी में बाईं सीट पर बैठ कर फायरिंग करते हुए, भीड़ को रौंदते हुए आगे बड़े. फायरिंग के कारण किसान गुरविंदर सिंह (22 साल) की गोली लगने से मौत हो गई. शीष मिश्रा उर्फ मोनू की तीव्र गति से आती दो गाड़ियां नंबर- UP31 AS 1000 और UP32 KM 0036 व एक अज्ञात वाहन अनियंत्रित होकर गड्ढों में पलट गए जिससे कई राहगीर गंभीर रूप से घायल हो गए. आशीष फायरिंग करते हुए गन्नों में जाकर छुप गए, अभी तक चार किसानों की मौत हो गई है.'

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'बेटे के खिलाफ सबूत मिला तो मंत्री पद छोड़ दूंगा'

इस बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा है कि अगर कोई उनके बेटे आशीष मिश्रा के मौके पर मौजूद होने का एक भी सबूत पेश करेगा तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. दूसरी तरफ किसान संगठनों ने दावा किया है कि आशीष मिश्रा के साथ एक कार ने विरोध कर रहे किसानों को कुचल दिया. हालांकि, अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने काफिले पर हमला किया और एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं सहित तीन अन्य की हत्या कर दी. अजय मिश्रा ने कहा, 'हमारे स्वयंसेवक हमारे मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए गए थे और मैं उनके साथ था. उसी समय, कुछ असामाजिक तत्वों ने काफिले पर हमला किया, इस दौरान कार के चालक को चोट लगी और वह संतुलन खो बैठा, जिसके परिणामस्वरूप कार पलट गई.'

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