Birna Garland Controversy: विधायक ममता चंद्राकर ने कहा है कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में बिरना माला का निर्माण आदिवासी समुदाय के लोग बांस और मुआ की घांस से बनाते हैं और इस माला को छत्तीसगढ़िया माला का दर्जा दिलाने मुख्यमंत्री से मांग करेंगे.
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सतीश तम्बोली/कवर्धा: कांग्रेस के महा अधिवेशन (85th session of Congress) में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने बिरना माला से राष्ट्रीय नेताओं का स्वागत किया, उसके बाद से बिरना माला को लेकर राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. इसी कड़ी में आज कवर्धा जिले के पंडरिया क्षेत्र के विधायक ममता चंद्राकर (Mamta Chandrakar, MLA) ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि बिरना माला का निर्माण पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में आदिवासी समुदाय के लोग बांस और मुआ घांस से माला बनाते हैं और तीज त्यौहारों में आदिवासी महिलाएं श्रृंगार के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं.
विधायक ममता चंद्राकर ने की ये मांग
विधायक ममता चंद्राकर ने बताया कि बिरना माला से न सिर्फ कांग्रेस के नेताओं का स्वागत किया गया बल्कि, इससे पहले शंकराचार्य जी का भी इसी माला से स्वागत किया जा चुका है.इसलिए इस माला को छत्तीसगढ़िया माला का दर्जा दिलाने मुख्यमंत्री से मांग करेंगे.दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधायक ममता चंद्राकार के पुत्री की शादी समारोह में शामिल होने कवर्धा पहुंचे थे. इसी दौरान वे माला से आकर्षित होकर विधायक से दो सौ नग माला लेकर रायपुर आने को कहा था.
माले पर सियासत
गौरतलब है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का 85वां अधिवेशन हुआ था. जिसमें पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Former President Sonia Gandhi), राहुल गांधी ,कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) जैसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता छत्तीसगढ़ की भूमि पर पधारे तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने उनका स्वागत एक माला पहनाकर किया. जिसके बाद इस माले से स्वागत को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है और यहां तक कि आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी खर्चे पर सोने की माला पहनाकर लोगों का स्वागत किया है. जिसके बाद इन आरोपों को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी पर पलटवार भी किया था.