मानसून ने खोली पोल! पहली ही बारिश में बह गए नगर निगम के बड़े-बड़े दावे
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मानसून ने खोली पोल! पहली ही बारिश में बह गए नगर निगम के बड़े-बड़े दावे

भोपाल, मंदसौर, खंडवा, रतलाम, मुरैना, खरगोन, नर्मदापुरुम, उज्जैन में हुई बारिश ने नगर निगम की मुसीबत को बढ़ा कर रख दिया है.

उज्जैन में भरा पानी

नई दिल्ली: तेज गर्मी की तपिश से जहां आम जन परेशान हो गए थे. वहीं अब लोगों को राहत मिली है. दरअसल, मध्यप्रदेश में बारिश ने दस्तक दे दी है. प्रदेश के कई जिलों में बारिश शुरु हो गई है. बारिश के चलते मौसम में भी ठंडक आ गई है. लेकिन ये राहत कई जिलों में लोगों के सामने बड़ी समस्या लेकर आई है. जी हां, भोपाल, मंदसौर, खंडवा, रतलाम, मुरैना, खरगोन, नर्मदापुरुम, उज्जैन में हुई बारिश ने नगर निगम की मुसीबत बढ़ा दी है. कई जगहों पर जल भराव हुआ तो कई जगहों पर नगर निगम ने नाले की सफाई शुरू कर दी है.

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भोपाल में ड्रेनेज सुधारने का काम शुरू
मध्यप्रदेश में मानसून के दस्तक के साथ ही बारिश के पहले राजधानी में नगर निगम में ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने का काम शुरू कर दिया है. भोपाल के नालों की नगर निगम सफाई कर रहा है. ताकि जलजमाव की स्थिति ना बने. भोपाल निगम कमिश्नर ने बताया कि भोपाल के सभी नालों की एक राउंड की सफाई करा दी गई है. जहां जरूरत होगी, वहां दोबारा भी सफाई कराई जाएगी. नगर निगम की प्राथमिकता है कि ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरीके से दुरुस्त हो. ज़ी मीडिया की टीम ने भोपाल के अशोका गार्डन स्थित नाले का जायजा लिया. यहां कुछ दिन पहले नगर निगम ने सफाई की थी. बावजूद इसके यहां नालों में फिर गंदगी इकट्ठा होने लगी है. जबकि यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि समय-समय पर नगर निगम सफाई करता है. इस बार जलजमाव की स्थिति नहीं बनेगी. वहीं कुछ लोगो ने नाराजगी भी जाहिर की है.

खरगोन के नालों में गंदगी 
खरगोन शहर के ड्रेनेज के प्रमुख नालें अभी भी गंदगी कूड़े कचरे से भरे पड़े है. कहीं गाज जमा है तो कहीं पर गाजर घास जल कुंभी नालों के बीच उंग चुकी है. कही प्लास्टिक के कूड़े ने नाले के स्वरूप को ही बदल कर छोटा रूप बना दिया. कुछ खुले कच्चे नाले होने से सफाई हुई भी है तो फिर से गाद गंदगी ने उन्हे भर दिया है. 

नगर पालिका प्रशासन का दावा है कि उन्होंने बारिश से पहले शहर के सभी प्रमुख नालों की सफाई करवाई है. मगर वास्तविक धरातल पर देखें तो आज भी नाले चौक पड़े हैं. उनकी गाद की सफाई नहीं होने से पानी की निकासी बड़ी मुश्किल से हो पा रही है. गाजर घास में नाले की चौड़ाई अनुसार पानी बहने को रोक रखा है. 

मंदसौर में ड्रेनेज का काम अधूरा
मध्यप्रदेश के मंदसौर में अमृत योजना के तहत ड्रेनेज व्यवस्था को व्यथित करने के लिए तकरीबन 6 करोड़ खर्च किया गया, लेकिन इसके बावजूद शहर के अधिकतर इलाकों में नालों का निर्माण अधूरा है. जो मानसून के बाद ही पूरा हो पाएगा. ऐसे में इस बार भी मंदसौर की जनता की जरा से बारिश में जलभराव को समस्या का सामना करना पड़ेगा. गौरतलब है कि सितंबर 2019 में बारिश के दौरान मंदसौर में बाड़ की स्थिति बन गई थी और हालात काफी गंभीर हो गए थे. बाढ़ से जिले में 44 लोगों की मौत हुई थी. 1300 मकान गिरे थे और तकरीबन 1500 करोड़ का नुकसान हुआ था.

खंडवा में हो रही नालों की सफाई
बात अब खंडवा की करते है, जहां मानसून सिर पर है और खंडवा नगर निगम शहरों के नालो की सफाई कर रहा है. शुक्रवार को थोड़ी सी बारिश में हीं शहर का मुख्य रोड वॉटर लॉगिन के कारण बाधित हो गया था. कई जगह नगर निगम अभी भी नालों का निर्माण और मेंटेनेंस कर रहा है. जिस गति से काम चल रहा है उससे लगता है कि मानसून सीजन निकल जाएगा, तब भी काम पूरा नहीं हो पाएगा. शहर के व्यापारी और दुकानदार नगर निगम की इस ढिलपोल व्यवस्था से परेशान है. जल जमाव के कारण उनकी दुकानों में भी पानी भर जाता है और ग्राहकी पर भी असर पड़ता है. नगर निगम की इस व्यवस्था के कारण भी असर पड़ रहा है. रोड पर चलने वाले लोग और वाहन भी परेशान हैं.

रतलाम में हुआ जल भराव
रतलाम में नालों की सफाई न होने के कारण हर साल जल भराव की स्थिति बन जाती है. हालात पिछले साल यह हो गए कि क्या बस स्टैंड, और क्या शहर के बाजार, सभी जगह सड़के जलमग्न, और तेज बहाव, से बाढ़ जैसे हालात देखने को मिले थे. यह हालात अमूमन हर साल इसी तरह से होते है, बारिश कम हो तो कुछ राहत जल भराव में मिल जाती है लेकिन लेकिन जल भराव हर साल नालों की सफाई में अनदेखी के कारण बनते ही है. अब जब ज़ी मीडिया ने शहर के नालों का रियलिटी चेक किया तो कई जगह नाले पूरी तरह चौक मिले ,नालों में भारी कचरा होने से गाद भी जम गयी. कुछ नालों में लोगो ने बताया कि सफाई के लिए निगम की गैंग आयी थी लेकिन उन नालों में भी पूरी तरह से गंदगी साफ नहीं हुई है. हालात यह की बारिश में एक बार फिर लोगों को जल बहराव का सामना करना पड़ेगा. शहर में घास बाजार, न्यू रोड, चौमुखी पूल, मोती नगर, पी एंड टी कॉलोनी, बस स्टेण्ड पर सबसे ज्यादा नालों और नालियों की सफाई न होने के कारण जल भराव की स्थिति बन सकती है.

नर्मदापुरम में नाला हुआ ओवरफ्लो
नर्मदापुरम में प्री मानसून ने दस्तक दे दी है. अलसुबह झमाझम बारिश देखने को मिली जिसके चलते पूरा शहर तरबतर हो गया. वहीं झमाझम हुई बारिश ने नगर पालिका प्रशासन के बारिश से पूर्व नालों की सफाई अभियान की कलई खोल कर रख दी है. शहर के कई नालों में अभी भी सफाई नहीं हुई है, तो वहीं पर्यटन घाट स्थित नाला पहली ही बारिश में सफाई नहीं होने के चलते ओवरफ्लो हो गया. नाला ओवरफ्लो होने से शहर का गंदा पानी नर्मदा नदी में जाकर मिल रहा है. स्थानीय रहवासियों के मुताबिक मां नर्मदा से उनकी आस्था जुड़ी हुई है. वहीं नगरपालिका लोगो की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रही है. 

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उज्जैन में बारिश में दुकान में घुसा पानी
शहर में मानसून के आते ही आम जन को कितनी परेशानियों का सामान करना पड़ सकता है, ये हम आपको हाल ही में 3 घण्टे की हुई बारिश के कारण आम जन व व्यापारियों को आई परेशानी के माध्यम से बताने की कोशिश करते है. टीम ने शहर के मुख्य मार्ग तीन बत्ती चौराहा समीप बनी दुकान मालिकों से चर्चा की क्योंकि यह वो एक क्षेत्र है. जहां थोड़ी ही बारिश में पानी सड़क पर लालबलब हो जाता है और दुकानदारों की दुकानों में पानी जाने से उन्हें काफी नुकसान होता हैं. क्योंकि इससे पहले हमने आपको प्राथमिकता से संभागीय अनाज मंडी की तस्वीर, महाकालेश्वर मंदिर की तस्वीर व शहर की तस्वीर दिखाई जो साफ बयां करती है. 

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