लहसुन सब्जी है या मसाला, मध्य प्रदेश की इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने सुलझाया मामला
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2381649

लहसुन सब्जी है या मसाला, मध्य प्रदेश की इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने सुलझाया मामला

MP News: एमपी की इंदौर हाईकोर्ट ने लहसुन को लेकर एक फैसला सुनाया है. जिसमें कोर्ट ने बताया है कि लहसुन सब्जी या फिर मसाला. जानिए क्या है कोर्ट का डिसीजन और क्या है विवाद. 

लहसुन सब्जी है या मसाला, मध्य प्रदेश की इंदौर हाईकोर्ट बेंच ने सुलझाया मामला

Indore High Court Decision for Garlic Vegetable and Masala Controversy: घर में बनने वाले खाने में स्वाद के लिए लहसुन काफी ज्यादा उपयोगी होता है, बिना लहसुन के स्वाद अधूरा रहता है, आपको दाल फ्राई करना हो, या फिर सब्जी बनानी हो लहसुन मिलाने के बाद जायका लाजवाब हो जाता है. इस लहसुन को लेकर एमपी के इंदौर में किसानों और व्यापारियों की बीच लहसुन सब्जी है या फिर मसाला इसे लेकर मतभेद के साथ विवाद की स्थिति हो गई थी. जिसके बाद मामला बढ़ते- बढ़ते इंदौर हाईकोर्ट चला गया था, अब कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया है कि लहसुन सब्जी है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या था विवाद और क्यों कोर्ट में गया मामला. 

क्या है मामला 
दरअसल मध्य में कई साल पहले लहसुन मसाला है कि सब्जी इसे लेकर विवाद हो गया था. विवाद बढ़ते- बढ़ते इंदौर हाईकोर्ट में पहुंच गया. साल 2015 में किसानों ने मांग की थी कि लहसुन को सब्जी की श्रेणी में रखा जाए. मांग के बाद एमपी मार्केट बोर्ड ने साल 2015 में रिजॉल्यूशन पास कर इसे सब्जी का दर्जा दे दिया था, इसके बाद इस रिजॉल्यूशन को रद्द कर दिया गया और इसे मसाला का दर्जा दे दिया गया. बता दें कि इसके लिए कृषि विभाग ने एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी एक्ट 1972 का हवाला दिया और आलू- प्याज- लहसुन कमीशन एजेंट एसोसिएशन ने किसानों की मांग का विरोध किया. 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मामला बढ़ने के बाद आलू- प्याज- लहसुन कमीशन एजेंट एसोसिएशन इस मामले को साल 2016 में इंदौर हाईकोर्ट ले गया. जिसके बाद कोर्ट की सिंगल बेंच ने साल 2017 में फनके पक्ष में फैसला दिया, इसके बाद मार्केट में फिर जमकर बवाल हुआ, इसके बाद साल 2017 में इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल किया. जिसके बाद इसकी सुनवाई डबल बेंच में हुई. 

कोर्ट का फैसला 
इस मामले को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने इस मामले में कहा कि लहसुन खराब होने वाली चीज है, इसलिए ये सब्जी है. साथ ही साथ कहा कि लहसुन का प्लांट सब्जी और मसाला मार्केट दोनों में बेचा जा सकता है, इससे इसके बिजनेस, किसानों और बेचने वालों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि इसके बाद लहसुन व्यापारी एवं कमीशन एजेंट ने एक रिव्यू पिटीशन दाखिल की. इसके बाद फिर कोर्ट में सुनवाई हुई, कोर्ट ने मार्केट बोर्ड के मैनेजिंग डायरेक्टर से कहा कि मार्केट नियमों में बदलाव कर उसे साल 2025 जैसा कर दें.

ये भी पढ़ें: जब गहरी नींद में सो रहे थे लोग तब फूट गया 135 साल पुराना तालाब, पानी में बिखरी जिंदगियां

Trending news