गांवों के विकास की डोर फिर प्रधानों के हाथ, CM ने वापस दिए अधिकार, लेकिन शर्त भी रखी
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1072899

गांवों के विकास की डोर फिर प्रधानों के हाथ, CM ने वापस दिए अधिकार, लेकिन शर्त भी रखी

सीएम ने पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत स्तर वित्तीय अधिकार लौटाने की घोषणा की. हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं सामाजिक गतिविधियों को आगे बढ़ना चाहता हूं. इसलिए अधिकार दे रहा है, लेकिन एक चेतावनी भी है कि अगर सरपंचों ने दुरुपयोग किया तो अधिकार वापस भी ले लूंगा.

गांवों के विकास की डोर फिर प्रधानों के हाथ, CM ने वापस दिए अधिकार, लेकिन शर्त भी रखी

आकाश द्विवेदी/भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश के सरपंचों को फिर से खुशियों की सौगात दी है. मुख्यमंत्री ने प्रधानों को वित्तीय अधिकार लौटाने आदेश दे दिया है. शिवराज सरकार ने 12 दिन बाद ही अपना फैसला पलट दिया. सीएम ने कहा कि जनता की ताकत से ही सारे काम होते हैं, इसलिए प्रधानों को प्रशासकीय अधिकार लौटा रहा हूं. सीएम ने पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत स्तर वित्तीय अधिकार लौटाने की घोषणा की. हालांकि इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं सामाजिक गतिविधियों को आगे बढ़ना चाहता हूं. इसलिए अधिकार दे रहा है, लेकिन एक चेतावनी भी है कि अगर सरपंचों ने दुरुपयोग किया तो अधिकार वापस भी ले लूंगा.

बेटी के पैदा होने पर गांव में मनाएं खुशियां
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को पंचायतों की प्रशासकीय समितियों और उनके प्रधानों को से वर्चुअल बातचीत की. सीएम ने कहा कि लोकतंत्र में निर्वाचित प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होता है. मैंने प्रशासकीय समिति बनाकर आप लोगों को जिम्मेदारी सौंपी थी. आज मैं आपको एक जिम्मेदारी सौंपना चाहता हूं. कोविड की तीसरी लहर आ चुकी है, हम सभी को फिर से मैदान में उतरना होगा. जनता के कामों को देखना आपकी प्राथमिकता है. सीएम ने कहा एक बात तय करें आपके गांव में कोई कुपोषित न रहे. मनरेगा, पेयजल, अंत्योदय की योजनाएं ठीक तरीके से चलें इसका पूरा ध्यान दें. गांवों में बेटियों के जन्म पर खुशियां मनाएं, बेटियों की पूरी जिम्मेदारी सरकार है.

Koo App
पंचायत के तीनों स्तर पर दिए गए प्रशासकीय अधिकार बीच में वापस ले लिए गए थे, जिसे आज मैं फिर से प्रदान कर रहा हूं। कोविड की तीसरी लहर आ चुकी है, हम सभी को मैदान में उतरना होगा। त्रिस्तरीय पंचायतों की प्रशासकीय समितियों एवं उनके प्रधानों से विचार साझा किया। https://www.facebook.com/ChouhanShivraj/posts/4723366437747785

- Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 17 Jan 2022

fallback

किसी भी व्यक्ति में दिखे लक्षण तो तुरंत टेस्ट करवाएं
मीटिंग में सीएम ने कहा कि कोरोना की टेस्टिंग और अस्पताल की व्यवस्थाओं का जिम्मा प्रशासन पर है लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों को भी सहयोग करना होगा. सरपंचों को संबोधित करते हुए कहा कि आप गांव में उन लोगों पर विशेष नजर रखें जिन्हें सर्दी, जुकाम या बुखार है, उनकी तुरंत जांच करवाएं और सुनिश्चित करें कि वह संक्रमित हैं या नहीं. गांव में किसी भी व्यक्ति में ऐसी शिकायत मिले तो उनका टेस्ट तत्काल करवाएं. इसे साधारण सर्दी जुकाम मानकर लापरवाह न हों, टेस्ट के लिए प्रेरित कीजिए.

चाइनीज मांझा बेचने वालों को नरोत्तम मिश्रा की चेतावनी, एक मौत से गरमाया मामला

पंचायत अधिकार बहाल पर जनप्रतिनिधियों में खुशी
सीएम शिवराज के पूर्व पंच-सरपंचों को वित्तीय अधिकार मिलने से पंचायत प्रशासनिक समितियों और पूर्व पंच-सरपंचों ने खुशी जताई. रायसेन जिले के पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि तीनों स्तर पर दिए गए प्रशासकीय अधिकार बीच में वापस ले लिए गए थे, जिसे फिर से प्रदान कर दिए हैं. इससे खुशी हो रही है.

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में MP को मिली नई जिम्मेदारी, देखिए

पंचायत प्रतिनिधियों ने की थी सीएम से मुलाकात
पंचायत चुनाव रद्द होने और आचार संहिता खत्म होने के बाद ग्राम पंचायतों के बैंक खातों के संचालन की व्यवस्था पहले की तरह ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान के संयुक्त हस्ताक्षर से किए जाने के आदेश थे. 4 जनवरी को पंचायत एवं ग्रामीण विभाग विभाग ने आदेश जारी किया. साथ ही, जनपद पंचायत व जिला पंचायत को भी पहले की तरह अधिकार दिए गए थे. इस पर सरपंचों ने नाराजगी जताई थी. ग्राम प्रधानों ने भोपाल में वित्तीय अधिकारों को लेकर राजधानी भोपाल में प्रदर्शन भी किया था. 15 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास पर सरपंच संघ के प्रतिनिधियों ने शिवराज से मुलाकात की थी. रायसेन जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता किरार और रायसेन जिला अध्यक्ष जय प्रकाश किरार के नेतृत्व में यह मुलाकात हुई. इससे पहले यह प्रतिनिधि मंडल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिसोदिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिला. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में अधिकार वापस लिए जाने के कारण सरकार को विरोध झेलना पड़ रहा था. प्रतिनिधि मंडल ने कहा था कि अधिकार छिनने से गांव के विकास के काम रुक गए हैं.

MP Live TV

Trending news