6 महीने की बेटी को बचाने के लिए पिता ने दे दिया लीवर, CM भूपेश भी बच्ची को देखने पहुंचे
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6 महीने की बेटी को बचाने के लिए पिता ने दे दिया लीवर, CM भूपेश भी बच्ची को देखने पहुंचे

राजधानी रायपुर में 6 महीने की बच्ची ताक्षी की सफल सर्जरी हुई. इस ऑपरेशन को पूरा करने में तकरीबन 9 घंटे का समय लगा. 

अस्पताल में सीएम बघेल

सत्य प्रकाश/ रायपुर: राजधानी रायपुर में 6 महीने की बच्ची ताक्षी की सफल सर्जरी हुई. इस ऑपरेशन को पूरा करने में तकरीबन 9 घंटे का समय लगा. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मासूम ताक्षी को देखने अस्पताल पहुंचे. सीएम ने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों और बच्ची के परिजनों से मुलाकात की और हाल-चाल जाना. सीएम ने बेहद जटिल ऑपरेशन से नया जीवन पाने वाली बच्ची ताक्षी के स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन की कामना भी की है. उन्होंने इस जटिल ट्रांसप्लांट के सफलता के लिए हॉस्पिटल के डॉक्टरों को भी बधाई दी. 

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बता दें कि ये ऑपरेशन रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में यह ऑपरेशन किया गया. इसमें खास बात ये है कि ये ऑपरेशन मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना के तहत किया गया, जिसमें माता-पिता को एक भी रुपए अस्पताल को नहीं देने पड़े.

दुर्लभ बिमारी से पीड़ित बच्ची
डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की इस बिमारी को ''बिलारी अत्रेसिया'' कहते हैं. यह बीमारी जन्मजात होती है. इसमे पित्त की नलियां बंद हो सकती हैं. इससे पीलिया बढ़ता है और लिवर खराब होने लगता है. जिसके उपचार के लिए लीवर प्रत्यारोपण की जरूरत पड़ती है. समय पर इलाज नहीं होने पर 4 से 6 महीने के बीच मरीज की मौत की आशंका होती है. 

पिता ने दिया अपना लिवर
बेटी के पिता लव सिन्हा ने तुरंत ताक्षी को अपने लिवर का हिस्सा देने का फैसला किया. फिर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे के मार्गदर्शन में इस ऑपरेशन को किया गया. डॉ. मोहम्मद अब्दुन नईम एवं डॉ. अजीत मिश्रा की टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को 8 से 9 घंटे में पूरा किया. बता दें कि यह ऑपरेशन मध्यभारत का पहला ऐसा ऑपरेशन है जिसमें इतनी कम उम्र की बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट हुआ है.

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परिजनों की आर्थिक हालात ठीक नहीं थी
वहीं परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बच्ची के परिजन उसका इलाज करा पाने में असमर्थ थे. जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ सरकार की ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना’ के जरिये नन्हीं ताक्षी का इलाज निः शुल्क हुआ. 

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