Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव सिर पर है. चुनाव से पहले सभी सियासी दल रणनीति तैयार करने में लगे हैं. ऐसे में एक बार फिर अजित पवार और शरद पवार के संबंधों की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है.
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Maharashtra Elections: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव सिर पर है. चुनाव से पहले सभी सियासी दल रणनीति तैयार करने में लगे हैं. ऐसे में एक बार फिर अजित पवार और शरद पवार के संबंधों की चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. इस बारे में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार से जब पूछा गया कि क्या वे अपने चाचा शरद पवार से हाथ मिलाने वाले हैं? इस सवाल पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
चाचा शरद से हाथ मिलाएंगे अजित पवार?
हाल ही में शरद पवार ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अजित पवार की पार्टी में वापसी की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता. इस बारे में जब अजित पवार से पूछा गया तो उन्होंने कहा.. नो कमेंट्स. अजित पवार ने कहा कि भले ही बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी का महायुति गठबंधन लोकसभा चुनावों में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन वोटों का अंतर एमवीए या इंडिया ब्लॉक पार्टियों के साथ बहुत कम था.
क्या कहा था शरद पवार ने
याद दिला दें कि शरद पवार ने पिछले महीने कहा था कि उनके साथ कठिन समय में खड़े रहने वाले तय करेंगे कि अजित पवार को पार्टी में जगह मिलेगी या नहीं. उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय नहीं होगा. महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. अजित पवार ने कहा कि शरद पवार छह दशकों से राजनीति में हैं और वे उनका सम्मान करते रहेंगे.
पवार साहब एक वरिष्ठ नेता..
अजित पवार ने कहा कि लोग पवार साहब को एक वरिष्ठ नेता के रूप में देखते हैं. हमने तय किया है कि हम भविष्य में भी उनका सम्मान करते रहेंगे. पवार साहब लगभग 62 वर्षों से राजनीति में हैं और लगभग दो-तीन पीढ़ियों ने उनकी राजनीति को देखा है. सुप्रिया सुले और शरद पवार की राजनीति की शैली एक जैसी नहीं है; हर किसी का अपना तरीका होता है. हर पीढ़ी के साथ बदलाव आता है, और सुप्रिया वही करती हैं जो उन्हें सही लगता है. पवार साहब हमेशा युवा पीढ़ी को पास रखने की कोशिश करते हैं, उनसे बात करते हैं, और समय के अनुसार ढलने की कोशिश करते हैं.
विधानसभा चुनाव पर क्या बोले अजित पवार
अजित ने आगे कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि हम इस विधानसभा चुनाव को महायुति का हिस्सा बनकर लड़ेंगे. हम इसमें स्पष्ट बहुमत पाने की कोशिश करेंगे. हम उन मतदाताओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं जिनके पास सारी ताकत है. हमारी रैलियां चल रही हैं जिनमें सभी बड़े नेता भाग ले रहे हैं. विपक्ष अपना काम कर रहा है. अंतिम निर्णय तो मतदाताओं का ही होगा.