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Maharashtra speaker election: महाराष्ट्र विधानसभा के तूफानी विशेष सत्र के लिए मंच तैयार है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव की सेना और वर्तमान मुख्यमंत्री शिंदे की सेना सोमवार को विश्वास मत से पहले नए अध्यक्ष के चयन को लेकर आमने-सामने है. विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन रविवार को स्पीकर पद के लिए चुनाव होगा. उद्धव ठाकरे, जो शिवसेना के भीतर विद्रोह के कारण अपनी सरकार खो चुके हैं. अब अपनी पार्टी पर नियंत्रण रखने की लड़ाई लड़ रहे हैं.
शिंदे गुट के सभी विधायक मुंबई लौटे
शिवसेना के 55 में से 39 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी और पार्टी में उनके अधिकार पर सवालिया निशान लगा दिया. जिसकी स्थापना उनके (उद्धव ठाकरे) पिता बालासाहेब ठाकरे ने की थी. भाजपा शासित तीन राज्यों गुजरात, असम और गोवा के 10 दिवसीय दौरे के बाद विद्रोही गुट के सभी विधायक मुंबई लौट आए हैं.
अध्यक्ष पद की लड़ाई
उद्धव ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए शिवसेना विधायक राजेन साल्वी को मैदान में उतारकर बागियों को वाकओवर नहीं करने देने की मंशा जाहिर कर दी है. साल्वी का सामना भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर से है, जो शिंदे सरकार के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार हैं.
बागी विधायकों का दावा
बागी विधायकों का दावा है कि वे असली शिवसेना हैं क्योंकि वे विधायक दल में बहुमत में हैं. एमवीए सरकार में डिप्टी स्पीकर नरहरि जीरवाल ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही शुरू की थी और उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते जीरवाल द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस का जवाब देने के लिए बागी विधायकों को दिए गए 48 घंटे के समय को 12 जुलाई तक बढ़ा दिया था.
महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना
रविवार को जब विधानसभा की बैठक होगी तो उद्धव खेमा यह दलील देगा कि बागी विधायक उसके व्हिप से बंधे हैं और जो साल्वी के पक्ष में वोट नहीं देंगे उन्हें अयोग्यता का सामना करना पड़ेगा. शिंदे खेमा, जिसके पास भाजपा और अन्य निर्दलीय विधायकों की मदद से स्पष्ट बहुमत है, तर्क देगा कि वह अल्पसंख्यक खेमे द्वारा जारी किए गए किसी भी व्हिप से बाध्य नहीं है. जाहिर है, महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई के लिए मंच तैयार है.
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