अनंतनाग में शहीद हुए मेजर आशीष नए घर के मुहूर्त में होने वाले थे शामिल, आज होगा अंतिम संस्कार
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अनंतनाग में शहीद हुए मेजर आशीष नए घर के मुहूर्त में होने वाले थे शामिल, आज होगा अंतिम संस्कार

Anantnag Encounter: इस मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह,  और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट्ट भी शहीद हुए हैं. आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म समूह प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

अनंतनाग में शहीद हुए मेजर आशीष नए घर के मुहूर्त में होने वाले थे शामिल, आज होगा अंतिम संस्कार

Anantnag Encounter News: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धोंचक के घर में गम का माहौल है. मेजर आशीष के चाचा ने कहा उन्हें अपने भतीजे की शहादत पर गर्व है लेकिन इस दुख की घड़ी में आंखों के आंसू नहीं थम रहे हैं.

इस मुठभेड़ में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह,  और पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट्ट भी शहीद हुए हैं.

नए घर में मुहूर्त पर पहुंचना था
शहीद मेजर के बहनोई सुरेश ने बताया कि 23 अक्टूबर को आशीष का जन्मदिन था और शनिवार को टीडीआई सिटी में नए घर के मुहूर्त पर उसने पहुंचना था. उन्होंने बताया कि आशीष के आने पर जागरण भी करवाने का भी कार्यक्रम था. 

मेजर आशीष के पार्थिव शरीर तीन से चार बजे तक लाया पहुचेगा और उनका अंतिम संस्कार उनके गांव बिंझौल में किया जाएगा लेकिन उससे पहले उनका पार्थिव शरीर नव निर्माण घर टीडीआई में लेकर जाया जाएगा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मेजर आशीष के पिता लालचंद NFL से रिटायर हैं. आशीष की तीन बहनें अंजू, सुमन हैं. मां कमला गृहिणी है. उनकी दो वर्षीय बेटी वामिनी है. पत्नी ज्योति भी गृहिणी है.

आतंकियों की गोलीबारी में घायल हुए थे मेजर आशीष
गारोल इलाके में आतंकियों के खिलाफ अभियान मंगलवार शाम को शुरू हुआ था, लेकिन रात में इसे रोक दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि एक ठिकाने पर आतंकवादियों को देखे जाने की सूचना के बाद बुधवार सुबह फिर उनकी (आतंकवादियों) तलाश शुरू की गई.

अपने दल का नेतृत्व करते हुए कर्नल सिंह ने आतंकवादियों पर हमला बोला. हालांकि, आतंकवादियों की गोलीबारी में वह गंभीर रूप से घायल हो गए. धोनैक और भट को भी गोलियां लगीं जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के दौरान इनकी मृत्यु हो गई.

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छद्म समूह प्रतिबंधित रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. अधिकारियों का मानना है कि ये उन्हीं आतंकवादियों का समूह है, जिन्होंने चार अगस्त को कुलगाम जिले के हलाण वनक्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाके में सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें तीन जवान शहीद हो गए थे.

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