प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या (Manish Gupta Murder Case) के मामले में पीड़ित परिवार ने सरकार के एक्शन पर संतुष्टि जताई है. परिवार ने कहा कि उन्हें इंसाफ चाहिए और इस मामले में राजनीति न की जाए.
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कानपुर: कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या (Manish Gupta Murder Case) के मामले में पीड़ित परिवार ने प्रदेश सरकार के एक्शन पर संतोष जताया है. मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने कहा कि सरकार ने परिवार की सभी मांगें मान ली हैं. वे सीएम योगी से मिलकर संतुष्ट हैं.
मीनाक्षी गुप्ता (Meenakshi Gupta) ने कहा कि उन्होंने इस हत्याकांड में मुआवजे, सरकारी नौकरी और केस को गोरखपुर से कानपुर ट्रांसफर करने की मांग उठाई थी, जिसे सीएम योगी (Yogi Adityanath) ने मान लिया है. पीड़िता ने कहा कि घटना की CBI जांच की मांग पर सीएम ने कहा कि उन्हें इस मांग पर कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे इसके लिए सरकार की ओर से संस्तुति करेंगे.
सीएम योगी (Yogi Adityanath) से मुलाकात के बाद मीनाक्षी गुप्ता ने कहा, 'उन्होंने केस की गंभीरता समझी और खुद से कहा कि केस गोरखपुर से कानपुर शिफ्ट होना चाहिए. मैं योगी जी की शुक्रगुज़ार हूं. उन्होंने मेरी सरकारी नौकरी को भी मंजूर किया है. मैं योगी जी से मिलकर संतुष्ट हूं. परिवार के मुखिया की तरह उन्होंने सारे फैसले लिए. उन्होंने मुझे कहा कि सीबीआई जांच के लिए आवेदन करो, मैं देखता हूं. मुझे विशवास है कि अब मेरे साथ अन्याय नहीं होगा.'
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की संस्तुति पर मीनाक्षी गुप्ता को कानपुर विकास प्राधिकरण में ओएसडी पद पर नियुक्ति दी जाएगी. इसके लिए जल्द ही नया पद सृजित करके उन्हें ज्वॉइनिंग लेटर जारी कर दिया जाएगा. मीनाक्षी गुप्ता ने कहा कि वे इस मामले में इंसाफ और दोषी पुलिसकर्मियों को फांसी की सजा चाहती हैं. उनके पति की हत्या के मामले में राजनीति न की जाए.
इस हत्याकांड Manish Gupta Murder Case) के बाद दबाव में आई पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है. ADG गोरखपुर अखिल कुमार घटनास्थल वाले कृष्णा इन होटल का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि इस घटना में जो भी दोषी मिलेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए गोरखपुर के एसएसपी डॉ विपिन टाडा को निर्देश जारी किए गए हैं.
बताते चलें कि पेशे से प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (Manish Gupta Murder Case) अपने दो दोस्तों के साथ गोरखपुर (Gorakhpur) के कृष्णा इन होटल में रुका था. 27 सितंबर की रात को 12 बजे रामगढ़ताल के एसएचओ जगत नारायण सिंह और सब-इंस्पेक्टर अजय मिश्रा अपनी टीम के साथ जांच के लिए होटल में पहुंचे. पुलिसकर्मियों ने देर रात मनीष और उनके साथियों को उठाकर उनके कागजातों की जांच की. जब मनीष ने देर रात तलाशी लिए जाने पर आपत्ति जताई तो पुलिस वाले उन्हें पकड़कर थाने ले गए.
उसके काफी घंटे बाद मनीष गुप्ता को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता का आरोप है कि उनके पत्नी की क्रूरतापूर्वक हत्या की गई है. उन्होंने कहा कि होटल से ले जाने के बाद मनीष को डंडे, लाठी और राइफल की बटों से बुरी तरह पीटा गया. इस काम को एसएचओ जगत नारायण सिंह, सब-इंस्पेक्टर अजय मिश्रा और विजय यादव ने दूसरे पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर अंजाम दिया.
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गोरखपुर के एसएसपी डॉ विपिन टाडा का कहना है कि मनीष गुप्ता की पत्नी की तहरीर पर 6 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. इस मामले में सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने दावा किया कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी.
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