Maharashtra News: मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नवी मुंबई में उनसे मुलाकात करने के बाद शनिवार को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी.
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Mumbai maratha morcha: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जरांगे पाटिल, शिंदे सरकार के साथ सहमति बन जाने के बाद अनशन तोड़ दिया है. युवा नेता जरांगे पाटिल और सरकार के बीच हुई लंबी चर्चा के बाद आखिरकार रास्ता निकल आया. इसी के साथ मनोज जरांगे का मराठा मोर्चा मुंबई के आजाद मैदान नहीं गया. इससे पहले मनोज जरांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नवी मुंबई में उनसे मुलाकात करने के बाद शनिवार को अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी.
वाशी के शिवाजी चौक पर मराठा समर्थकों से सीएम शिंदे और जरांगे पाटिल का संवाद
जरांगे पाटिल और सरकार के बीच इन मुद्दों पर बनी सहमति -
1. मराठा समुदाय के 54 लाख लोगों के कुनबी रिकॉर्ड मिले हैं, उन्हें जाति प्रमाण पत्र वितरित करें, यदि आप व्यक्ति का सही नाम जानना चाहते हैं, तो ग्राम पंचायत से रिकॉर्ड के साथ कागजात को बाहर की दीवार पर चिपकाने के लिए कहें. इसके बाद लोग प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं. अभिलेख प्राप्त करने वाले सभी परिवारों को अभिलेखों के आधार पर प्रमाण पत्र दिये जायें. 54 लाख अभिलेखों के अनुसार वंशावली का मिलान कर उन्हें प्रमाणपत्र दिए जाएं. तदनुसार, राज्य सरकार से चार दिनों के भीतर प्रमाण पत्र वितरित करने का अनुरोध किया गया था. राज्य सरकार ने कहा है कि अब तक 37 लाख लोगों को प्रमाणपत्र दिये जा चुके हैं. साथ ही वंशावली मिलान के लिए एक कमेटी नियुक्त की गई है.
2. जिन 37 लाख लोगों को प्रमाण पत्र दिया गया है, उनकी जानकारी हमें (मराठा प्रदर्शनकारियों) दी जानी चाहिए, हमें कुछ दिनों में यह डेटा मिल जाएगा.
3. शिंदे समिति को रद्द नहीं किया जाना चाहिए, इस समिति को मराठों के कुनबी अभिलेखों की खोज जारी रखनी चाहिए. तदनुसार, सरकार ने समय सीमा दो महीने बढ़ा दी है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि यह कमेटी एक साल के लिए होनी चाहिए. राज्य सरकार ने कहा है कि इस समिति का कार्यकाल चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा.
4. जिन लोगों का पंजीकरण हुआ है उनके निकटतम परिवार के सदस्यों को प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए. सरकारी निर्णय/अध्यादेश दिया जाये. जिसे सरकार जारी करेगी. यदि पंजीकृत व्यक्ति अपने रिश्तेदारों के संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत करता है तो उन्हें भी कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए. साथ ही यह शपथ पत्र निःशुल्क दिया जाना चाहिए. सरकार इस पर सहमत हो गयी है. सरकार इस संबंध में भी अध्यादेश जारी करेगी.
5. अंतरावाली समेत महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर मराठा आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं. गृह विभाग ने कहा है कि तय प्रक्रिया का पालन करते हुए अपराध वापस लिये जायेंगे.
6. मराठा आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की गई है. मांग की गई कि जब तक कोई फैसला नहीं हो जाता और पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक मराठा समुदाय के बच्चों को 100 फीसदी मुफ्त शिक्षा दी जाए और आरक्षण पर फैसला होने तक सरकारी भर्तियां रोक दी जाएं, या हमें अपनी सीटें आरक्षित करनी चाहिए. सरकार ने मांग के पहले हिस्से को नहीं माना है. राज्य सरकार ने कहा है कि वह राज्य में केवल लड़कियों को केजी से पीजी तक शिक्षा प्रदान करने का निर्णय जारी करेगी. हालांकि, इसके लिए सरकारी निर्णय जारी नहीं किया गया है. राज्य सरकार ने सिर्फ लड़कियों की शिक्षा पर निर्णय लिया है.