Rain deficit: जून-जुलाई में आधा भारत बाढ़ में डूब गया! फिर भी इन 9 राज्यों में रह गया बारिश का टोटा
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Rain deficit: जून-जुलाई में आधा भारत बाढ़ में डूब गया! फिर भी इन 9 राज्यों में रह गया बारिश का टोटा

Rainfall in India: इस साल मॉनसून केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामान्य से दो दिन पहले आया. मौसम विभाग (IMD) भारत के पूरे नक्शे और रूट में उसे डिकोड नहीं कर पाया. कई राज्यों में इतनी बारिश हो गई कि चारों तरफ बाढ़ का मंजर नजर आया. वहीं देश के कई राज्यों में उम्मीद और औसत दोनों से कम बारिश हुई. कैसा रहा मौसम का मिजाज इस बीच आइए जानते हैं. 

Rain deficit: जून-जुलाई में आधा भारत बाढ़ में डूब गया! फिर भी इन 9 राज्यों में रह गया बारिश का टोटा

Rain deficit​ in India: मॉनसून ने इस बार अजब-गजब रंग दिखाया. 2024 में बारिश कहीं आसमानी आफत बनकर टूटी तो कुछ राज्यों में उम्मीद और औसत दोनों से कम बारिश हुई. मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के मुताबिक जून-जुलाई में बारिश के पैटर्न में भारी असमानता देखने को मिली. बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और ओडिशा समेत नौ राज्यों को 20 से 49 फीसदी की भारी कमी का सामना करना पड़ा. वहीं दक्षिणी प्रायद्वीप के चार राज्यों समेत छह प्रदेशों में 1 जून से 20 जुलाई के दौरान रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई.   

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राज्य-वार कहां सबसे कम और कितनी बारिश?

मौसम विभाग (IMD) की स्टेट वाइज रिपोर्ट देखें तो इस दौरान झारखंड में सबसे कम यानी 49% कम बारिश दर्ज हुई. जबकि तमिलनाडु में इसी पीरियड में सामान्य बारिश की तुलना में सबसे अधिक यानी 83% फीसदी ज्यादा बारिश हुई. जिन नौ राज्यों में सबसे कम बारिश हुई उनमें झारखंड में 49%, मणिपुर में 47%, हिमाचल में 41%, पंजाब में 40%, हरियाणा में 36%, जम्मू-कश्मीर (UT) में 35%, मिजोरम में 33%, नागालैंड में 26%, बिहार में 23% और ओडिशा में 20% कम बारिश हुई. 

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कुल मिलाकर, देश में संचयी वर्षा में 1% से अधिक की कमी दर्ज की गई. 20 जुलाई की बात करें तो उत्तर-पश्चिम भारत में 14% की कमी वहीं पूर्वी और उत्तर-पूर्व भारत में 12% की कमी दर्ज हुई. वहीं क्षेत्र-वार, बात करें तो मध्य भारत में बारिश में कोई कमी दर्ज नहीं हुई. जबकि दक्षिण प्रायद्वीप में अब तक सामान्य से 26% अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है. खासकर जुलाई में अच्छी बारिश के कुछ दिनों को छोड़कर, ओवर आल बारिश की स्थिति में बहुत अच्छी नहीं रही.

कहीं बाढ़-कहीं सूखा!

असम से लेकर यूपी, बिहार और अन्य कई राज्यों के दर्जनों जिले बाढ़ के पानी से प्रभावित रहे, वहीं कई जिलों में कम बारिश से लोगों की चिंता बढ़ गई. दक्षिणी भारत में भी मॉनसून की बारिश की ये अनिश्चितता लोगों की समझ से परे ही रही. बड़े-बड़े मौसम विज्ञानी भी इस कहीं कम कहीं ज्यादा की अबूझ पहेली को डिकोड नहीं कर पाए.

वाटर रिजर्व में इजाफा

जुलाई में देश के मानसून कोर ज़ोन में सामान्य बारिश हुई. कई राज्यों के प्रमुख 150 जलाशयों के जल भंडारण (Water reserve) में सुधार देखने को मिला. केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि 27 जून को इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता में 20% की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी. वो 18 जुलाई को 29% हो गई.

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