Mukhtar Ansari Case: अतीक गए, आनंद बाहर आए, मुख्तार का क्या होगा? आज क्यों एक-एक घड़ी गिन रहे अंसारी बंधु
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Mukhtar Ansari Case: अतीक गए, आनंद बाहर आए, मुख्तार का क्या होगा? आज क्यों एक-एक घड़ी गिन रहे अंसारी बंधु

Mukhtar Ansari Latest News: मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) आज MP-MLA कोर्ट के फैसले से पहले अपनी एक-एक घड़ी गिन रहा है. वो दिन आ गया जब मुख्तार अंसारी को अपने गुनाहों की सजा मिल सकती है.

Mukhtar Ansari Case: अतीक गए, आनंद बाहर आए, मुख्तार का क्या होगा? आज क्यों एक-एक घड़ी गिन रहे अंसारी बंधु

Mukhtar Ansari Verdict: माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के ऊपर चल रहे गैंगस्टर मामले में आज फैसला आने वाला है. दरअसल मुख्तार के खिलाफ साल 2009 में हत्या की कोशिश और 2010 में कपिलदेव सिंह नामक एक शख्स की हत्या मामले में गैंग चार्ट बनाया गया था. इसकी सुनवाई MP-MLA कोर्ट में चल रही है और आज इस पर फैसला आने वाला है. एक तरफ बिहार में पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन (Anand Mohan) को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया है. आनंद मोहन समेत 27 अपराधियों को जेल से बाहर निकालने के लिए नीतीश कुमार की सरकार ने नियमों में भी बदलाव कर दिया. दूसरी तरफ देखने वाली बात होगी कि मुख्तार अंसारी पर क्या फैसला आएगा?

आनंद मोहन की रिहाई का विरोध

बता दें कि पहले आनंद मोहन को आज दोपहर बाद 1 बजे रिहा किया जाना था, लेकिन भीड़ के अंदेशे की वजह से उन्हें तय वक्त से पहले ही रिहा कर दिया गया. आनंद मोहन की रिहाई के मौके पर उनके स्वागत के लिए सहरसा में पोस्टर लगाए गए. आनंद मोहन को सुबह 4:30 बजे जेल से रिहा कर दिया गया. उधर रिहाई को लेकर पटना हाईकोर्ट में PIL दायर कर दी गई है. याचिका में आनंद मोहन की रिहाई का विरोध किया गया है.

मुख्तार अंसारी पर फैसला आज

गौरतलब है कि जहां एक तरफ बिहार में सियासी फायदे के लिए अपराधियों को जेल से बाहर निकाला जा रहा है, जबकि दूसरी तरफ अपराध को इंसाफ के अंजाम तक पहुंचाने की कवायद जारी है. बिहार की सहरसा जेल से आज बाहुबली आनंद मोहन को छोड़ा गया है एक डीएम की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काटने वाले आनंद मोहन के लिए नीतीश सरकार ने महीनों पहले से पलक पांवड़े बिछा रखे हैं. वहीं, दूसरी तरफ यूपी में आज माफिया मुख्तार अंसारी पर फैसला आना है.

आनंद की रिहाई के सियासी मायने

जान लें कि आनंद मोहन को बिहार की सियासत में उन बाहुबलियों की जमात में रखा जाता है, जिनकी अपने इलाके और अपनी जाति में खासी पकड़ मानी जाती है. आनंद को गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की भीड़ के हाथों हुई मौत के मामले में दोषी ठहराया गया था. लेकिन, 2024 चुनाव से पहले वोटर्स की हर पांत में पैठ बनाने की चाह रखने वाले नीतीश कुमार की सरकार ने उन्हें जेल से बाहर निकालने के लिए जेल मैन्युअल में ही तब्दीली कर डाली.

बाहुबली के लिए 'तब्दीली'

बिहार के 2012 के जेल मैन्युअल नियम 481(I)-(A) में बदलाव किया गया है. इस मैन्युअल में 'एक लोक सेवक की हत्या' के जिक्र को अब हटा दिया गया है. इतना ही नहीं सरकारी सेवक की हत्या भी अपवाद की श्रेणी से हटा दी गई है यानी इस बदलाव के बाद लोक सेवक की हत्या साधारण हत्या ही मानी जाएगी.

हत्या के दोषी आनंद मोहन को बिहार की सत्ता के संरक्षण में खुली हवा में सांस लेने का फिर से मौका मिल रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में माफिया पर एक्शन जारी है. यहां भी एक बाहुबली है मुख्तार अंसारी, जिस पर हत्या के मामले दर्ज हैं और वो अब दम साधे अपने ऊपर आने वाले कानूनी फैसले का इंतजार कर रहा है.

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