पीएम मोदी ने कहा कि यह टोपी तत्काल लाल किला परिसर के क्रांति मंदिर की गैलरी में रखी गई है.'
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नेताजी द्वारा पहनी गई टोपी भेंट करने के लिये बुधवार को सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया .प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती के मौके पर ऐतिहासिक लाल किले में उनके नाम पर एक संग्रहालय का उद्घाटन किया.
पीएम मोदी ने लाल किले में याद-ए-जलियां संग्रहालय (जलियांवाला बाग और प्रथम विश्वयुद्ध पर संग्रहालय), 1857 में हुए भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पर बने संग्रहालय और भारतीय कला पर बने दृश्यकला-संग्रहालय का भी उद्घाटन किया.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'मैं बोस के परिवार के प्रति आभारी हूं कि उन्होंने नेताजी द्वारा पहनी गई टोपी भेंट की. यह टोपी तत्काल लाल किला परिसर के क्रांति मंदिर की गैलरी में रखी गई है.' उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि युवा ‘क्रांति मंदिर’ आयेंगे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरित होंगे.'
I am grateful to the Bose family for presenting me a cap worn by Netaji Bose himself.
The cap has been immediately added to the display gallery at Kranti Mandir in the Red Fort complex.
I hope more youngsters come to Kranti Mandir and get inspired by the life of Netaji Bose. pic.twitter.com/ujl6IBmFX5
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2019
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संग्रहालय में करीब एक घंटे का समय बिताया . पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा 'भारत के समृद्ध इतिहास एवं सांस्कृति से जुड़े चार संग्रहालयों का उद्घाटन करके अनुग्रहित महसूस कर रहा हूं .'
संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और इंडियन नेशनल आर्मी से संबंधित कई प्राचीन वस्तुएं रखी हुई हैं. इनमें नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार, पदक, वर्दी और आईएनए से संबंधित अन्य प्राचीन वस्तुएं शामिल हैं.
यहां सुभाष चंद्र बोस और आईएनए पर वृतचित्र से आगंतुकों को स्वतंत्रता सेनानी के दृष्टिकोण के बारे में समझ बनाने में मदद मिलेगी . इस वृतचित्र के लिये अभिनेता अभिषेक बच्चन ने अपनी आवाज दी है.
याद ए जलियां संग्रहालय के माध्यम से जलियांवाला बाग नरसंहार के बारे में प्रमाणिक चित्र प्रस्तुत किया गया है . जलियांवाला नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को हुआ था.
संग्रहालय में जलियांवाला बाग की प्रतिकृति भी रखी गई है . संग्रहालय में प्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा लेने वाले भारतीय सैनिकों की वीरगाथा का भी चित्रण किया गया है.
यहां पर प्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा लेने वाले भारतीय सैनिकों को समर्पित सरोजिनी नायडू की कविता भी प्रस्तुत की गई है. इस कविता का शीर्षक ‘द गिफ्ट’ है और इसमें भारतीय सैनिकों के बलिदान का वर्णन है .
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम पर संग्रहालय में ऐतिहासिक तथ्यों का समावेश किया गया है . इसमें तब के समय में भारतीयों के पराक्रम और बलिदान को प्रदर्शित किया गया है.
इसमें एक खंड ‘दृश्यकला’ है जिसमें 16वीं शताब्दी से भारत की स्वतंत्रता तक के कालखंड से जुडी भारतीय कला का प्रदर्शन किया गया है. इसमें अमृता शेरगिल, राजा रवि वर्मा की पेंटिंग प्रदर्शित की गई है.
(इनपुट - भाषा)