Sharad Pawar के इस्तीफे के ऐलान के वक्‍त जहां समर्थक रोने लगे वहीं भतीजे अजित पवार 'खुश' क्यों दिखे?
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Sharad Pawar के इस्तीफे के ऐलान के वक्‍त जहां समर्थक रोने लगे वहीं भतीजे अजित पवार 'खुश' क्यों दिखे?

Ajit Pawar: शरद पवार द्वारा इस्तीफे की घोषणा के बाद वाईबी चव्हाण सभागार में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, आप गलतफहमी में हैं कि अगर पवार साहब पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं, तो वह पार्टी में नहीं होंगे. यह गलत है. कांग्रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी अध्यक्ष हैं लेकिन सोनिया गांधी पार्टी चलाती हैं.

Sharad Pawar के इस्तीफे के ऐलान के वक्‍त जहां समर्थक रोने लगे वहीं भतीजे अजित पवार 'खुश' क्यों दिखे?

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार एनसीपी के भीतर उत्तराधिकार की लड़ाई के केंद्र में रहे हैं. हाल के महीनों में उनके द्वारा एक नए विद्रोह की अटकलें लगाई जा रही हैं. अजीत पवार मंगलवार को एनसीपी में एकमात्र वरिष्ठ नेता के रूप में अलग खड़े थे, जिन्होंने शरद पवार के पार्टी प्रमुख पद छोड़ने के फैसले का समर्थन किया. 

अजित पवार ने कार्यकर्ताओं से क्या कहा? 

शरद पवार द्वारा इस्तीफे की घोषणा के बाद वाईबी चव्हाण सभागार में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आप गलतफहमी में हैं कि अगर पवार साहब पार्टी अध्यक्ष नहीं हैं, तो वह पार्टी में नहीं होंगे. यह गलत है. कांग्रेस में मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी अध्यक्ष हैं लेकिन सोनिया गांधी पार्टी चलाती हैं. उन्होंने कहा कि शरद पवार की उम्र को देखते हुए पार्टी को एक नया नेतृत्व प्रदान करने के लिए विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया था जो उनके मार्गदर्शन में काम करेगा. कोई भी विवाद नहीं कर सकता है. नए अध्यक्ष उनके मार्गदर्शन में काम करेंगे. भावुक होने की जरूरत नहीं है.

अजित पवार  ने कहा कि उन्होंने शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार से बात की थी और उन्होंने कहा था कि वह अपने फैसले को वापस नहीं लेंगे. पवार साहब के मार्गदर्शन में एक नया प्रमुख होगा. हमें उस व्यक्ति का समर्थन करना चाहिए. हम एक परिवार बने रहते हैं और वह परिवार के मुखिया बने रहते हैं. 

अजित पवार ने कहा कि परिवारों में बुजुर्ग छोटे लोगों को अवसर देते हैं. यह किसी भी समय होने वाला था. अगर उनके नेतृत्व में एक नया अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है, तो समस्या क्या है. उन्होंने कहा, किसी पार्टी या संगठन को स्थिति की आवश्यकता के अनुसार निर्णय लेना चाहिए, भावनात्मक निर्णय लेने का कोई मतलब नहीं है.

अजित पवार ने कहा कि पवार साहब 1 मई को इसकी घोषणा करने वाले थे, लेकिन उस दिन एमवीए की रैली थी. इसलिए 2 मई को इस्तीफे का ऐलान किया. शरद पवार के इस्तीफे के भाषण के बाद, एनसीपी के कई नेताओं ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा. जब पार्टी कार्यकर्ताओं ने सुप्रिया सुले से शरद पवार से आग्रह करने की मांग की तो अजीत पवार ने उन्हें न बोलने का निर्देश दिया. अजित पवार ने सुप्रिया सुले से कहा कि सुप्रिया, कुछ मत कहो. यह मैं उनके बड़े भाई की हैसियत से कह रहा हूं. 

सभागार में मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने जब बाहर जाने से इनकार कर दिया, तो अजीत पवार ने कहा, क्या वे सोचते हैं कि हम मूर्ख हैं. हालांकि, पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अजित पवार पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि आप कहते हैं कि यहां तक ​​कि कांग्रेस के पास सोनिया गांधी के अधीन काम करने वाला एक पार्टी अध्यक्ष है, लेकिन देखिए अब पार्टी कहां है. बाद में अजीत पवार शरद पवार से मिलने के लिए एनसीपी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हुए. दिन के अंत तक, उन्हें शरद पवार से आश्वासन मिला था कि वह 2-3 दिनों के लिए इस्तीफे के फैसले को रोक देंगे.

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