NEET Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि यदि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 की शुचिता ‘नष्ट’ हो गई है और यदि इसके लीक प्रश्नपत्र को सोशल मीडिया के जरिये प्रसारित किया गया है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा.
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NEET Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि यदि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 की शुचिता ‘नष्ट’ हो गई है और यदि इसके लीक प्रश्नपत्र को सोशल मीडिया के जरिये प्रसारित किया गया है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा. कोर्ट ने एनटीए को प्रश्नपत्र लीक होने और पांच मई को परीक्षा होने के बीच की समयावधि से अगवत कराने को कहा. कोर्ट ने पांच मई को हुई नीट-यूजी परीक्षा में अनियमितता के आरोपों वाली
याचिकाओं पर सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई को तय की.
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने यह भी कहा कि यदि प्रश्नपत्र लीक टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हो रहा है, तो यह 'जंगल में आग की तरह फैलेगा.’’ पीठ ने कहा, 'एक बात स्पष्ट है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है.' पीठ ने कहा, 'यदि परीक्षा की शुचिता नष्ट हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. यदि हम दोषियों की पहचान करने में असमर्थ हैं, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा.'
NEET-UG 2024 exam: Supreme Court observes that one thing is clear that leak (of question paper) has taken place. The question is, how widespread is the reach? The paper leak is an admitted fact. pic.twitter.com/qyfZQESMsx
— ANI (@ANI) July 8, 2024
साथ ही पीठ ने कहा कि यदि लीक सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया गया है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. पीठ ने कहा, 'जो हुआ, हमें उसे नकारना नहीं चाहिए.' साथ ही पीठ ने कहा, 'यह मान लें कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी, तो वह प्रश्नपत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या करेगी?'
उच्चतम न्यायालय ने विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 से संबंधित 30 से अधिक याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई शुरू की. इनमें पांच मई को हुई परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली और परीक्षा नये सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिकाएं भी शामिल हैं.
पीठ ने कहा, 'इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है. हम लीक की सीमा का पता लगा रहे हैं.' पीठ ने कहा कि इसमें कुछ 'चेतावनी के संकेत' हैं क्योंकि 67 उम्मीदवारों ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए हैं. पीठ ने कहा, 'पिछले वर्षों में यह अनुपात बहुत कम था.' शीर्ष अदालत ने कहा कि वह जानना चाहती है कि प्रश्नपत्र लीक से कितने लोगों को लाभ हुआ और केंद्र ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की. पीठ ने सवाल किया, 'कितने गलत काम करने वालों के परिणाम रोके गए हैं और हम ऐसे लाभार्थियों का भौगोलिक वितरण जानना चाहते हैं.'
पीठ गुजरात के 50 से अधिक सफल राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) अभ्यर्थियों की एक अलग याचिका पर भी सुनवाई कर रही है, जिसमें केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को विवादित परीक्षा रद्द करने से रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. एक याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने दलीलें शुरू करते हुए कहा कि वे पेपर लीक, ओएमआर शीट में हेरफेर, अभ्यर्थी की जगह किसी अन्य के परीक्षा देने और धोखाधड़ी जैसे आधारों पर परीक्षा रद्द करने का अनुरोध कर रहे हैं.
केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने हाल में न्यायालय में कहा था कि गोपनीयता भंग होने के किसी साक्ष्य के बिना इस परीक्षा को रद्द करने का बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इससे लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों पर ‘‘गंभीर असर’’ पड़ सकता है. एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक से लेकर अभ्यर्थी की जगह किसी अन्य के परीक्षा देने तक बड़े पैमाने पर कथित अनियमितताओं को लेकर मीडिया में बहस और छात्रों और राजनीतिक दलों के विरोध के केंद्र में रहे हैं.
देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है. पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच तकरार हुई. केंद्र और एनटीए ने 13 जून को अदालत को बताया था कि उन्होंने 1,563 अभ्यर्थियों को दिए गए कृपांक रद्द कर दिए हैं. उन्हें या तो दोबारा परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया था.
एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुन: परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद एक जुलाई को संशोधित रैंक सूची घोषित की. कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसमें सूची में हरियाणा के एक केंद्र के छह छात्र शामिल हैं, जिससे परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर संदेह उत्पन्न हुआ. यह आरोप लगाया गया है कि कृपांक के चलते 67 छात्रों को शीर्ष रैंक प्राप्त करने में मदद मिली. एनटीए द्वारा एक जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किए जाने के बाद, नीट-यूजी में शीर्ष रैंक वाले अभ्यर्थियों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई.साथ ही पीठ ने कहा कि यदि लीक सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया गया है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा. पीठ ने कहा, 'जो हुआ, हमें उसे नकारना नहीं चाहिए.' साथ ही पीठ ने कहा, 'यह मान लें कि सरकार परीक्षा रद्द नहीं करेगी, तो वह प्रश्नपत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए क्या करेगी?'