पीएम पद का उम्मीदवार, सीटों का बंटवारा...बैठकें तो ठीक, लेकिन क्या इन मुद्दों पर दिख पाएगी विपक्ष की एकता?
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पीएम पद का उम्मीदवार, सीटों का बंटवारा...बैठकें तो ठीक, लेकिन क्या इन मुद्दों पर दिख पाएगी विपक्ष की एकता?

Meeting में 18 पार्टियों के नेता शामिल होंगे.  इन पार्टियों का एकसाथ चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा, इस दौरान बहुत सारी अड़चनें भी आ सकती हैं. हर पार्टी की अपनी महत्वकांक्षा होगी, ऐसे में इसके आगे बढ़ने पर अभी से सवाल उठने लगे हैं.

पीएम पद का उम्मीदवार, सीटों का बंटवारा...बैठकें तो ठीक, लेकिन क्या इन मुद्दों पर दिख पाएगी विपक्ष की एकता?

Opposition Party Meeting: विपक्ष के कई प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी चुनौती देने के मकसद से एक मजबूत मोर्चा बनाने की रणनीति पर शुक्रवार को पटना में मंथन करेंगे. विपक्ष के सूत्रों का कहना है कि विपक्षी नेताओं की मंत्रणा के दौरान नेतृत्व संबंधी सवालों को दरकिनार कर मिलकर मुकाबला करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस बैठक की मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कर रहे हैं. बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर होगी.

बैठक में 18 पार्टियों के नेता शामिल होंगे.  इन पार्टियों का एकसाथ चुनाव लड़ना आसान नहीं होगा, इस दौरान बहुत सारी अड़चनें भी आ सकती हैं. हर पार्टी की अपनी महत्वकांक्षा होगी, ऐसे में इसके आगे बढ़ने पर अभी से सवाल उठने लगे हैं. 

ये हैं वो सवाल...

- राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि विपक्षी एकता बन भी जाए तो सीटों का बंटवारा कैसे होगा, इसे हल करना आसान काम नहीं है. 

-  कौन होगा पीएम पद का उम्मीदवार: ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, राहुल गांधी ये वो नाम हैं जो प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब जरूर रखते हैं. इन सभी नेताओं का अपना स्वार्थ है. ऐसे में सवाल उठता है कि विपक्ष प्रधानमंत्री पद के लिए इनमें से किस एक नाम पर एकमत होगा.  

-सभी पार्टियों के अपने-अपने हित: हर क्षेत्रीय पार्टी का अपना-अपना हित है. कोई भी दल इतने आसानी से सीटों के बंटवारे पर राजी नहीं होगा. पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में टकराहट है तो बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस और लेफ्ट को समान दुश्मन मानती हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी के लिए कांग्रेस बड़ा दुश्मन रही है. ऐसी स्थिति में कौन किसका साथ कितनी ईमानदारी से देगा, यह देखने वाली बात होगी.

- एक होने के बावजूद सभी विपक्षी दलों की विचारधारा एक नहीं है. कट्टर हिन्दुत्व विचारधारा वाले शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे क्या सीएए, एनआरसी, कामन सिविल कोड, मंदिर जैसे मसलों पर विपक्षी एकता के बाद बनने वाले कामन मिनिमम प्रोग्राम में अपनी बातों को शामिल करा पाएंगे. ऐसे में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार करना भी विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगी.

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