दंगे के 20 साल पुराने मामले में तमिलनाडु सरकार के मंत्री को सजा, दिया इस्तीफा
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दंगे के 20 साल पुराने मामले में तमिलनाडु सरकार के मंत्री को सजा, दिया इस्तीफा

घटना के समय बीजेपी के सदस्य रहे रेड्डी बाद में अन्नाद्रमुक में शामिल हो गए थे.

फोटो साभार : Twitter

चेन्नई: एक विशेष अदालत ने होसूर में अवैध शराब के खिलाफ प्रदर्शन से संबंधित दो दशक पुराने दंगे के एक मामले में सोमवार को तमिलनाडु के मंत्री बालकृष्ण रेड्डी को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इस फैसले के कुछ ही घंटे बाद रेड्डी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. सांसदों-विधायकों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई करने वाली विशेष न्यायाधीश जे शांति ने 1998 के इस मामले में युवा कल्याण एवं खेल मंत्री रेड्डी को दोषी ठहराया. रेड्डी उस समय बीजेपी के सदस्य थे.

हालांकि, न्यायाधीश ने मंत्री के वकील का अनुरोध स्वीकार करते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी, ताकि वह मद्रास हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकें. विधानसभा में होसूर सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले रेड्डी के अलावा अदालत ने इस मामले के 15 अन्य आरोपियों को भी तीन-तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. मंत्री सहित सभी आरोपी अदालत में मौजूद थे. इस बीच, रेड्डी ने मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया. मुख्यमंत्री ने रेड्डी का इस्तीफा राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेज दिया. बाद में राज्यपाल ने रेड्डी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया.

राज भवन से जारी एक प्रेस रिलीज में कहा गया, ''तमिलनाडु के राज्यपाल ने मंत्रिपरिषद से पी बालकृष्ण रेड्डी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.'' इससे पहले, अदालत के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि वह मंगलवार को हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे. उन्होंने कहा, ''वर्ष 1998 में 30 से अधिक लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी. इसके बाद सड़क यातायात अवरुद्ध किया गया था और इस संबंध में मामला दर्ज किया गया था.'' घटना के समय बीजेपी के सदस्य रहे रेड्डी बाद में अन्नाद्रमुक में शामिल हो गए थे.

(इनपुट भाषा से)

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