खुले में शौच करते वक्त पीछे से गैंडे ने किया अटैक, चाय बागान के मजदूर की दर्दनाक मौत
Advertisement
trendingNow1490384

खुले में शौच करते वक्त पीछे से गैंडे ने किया अटैक, चाय बागान के मजदूर की दर्दनाक मौत

चाय बगान के इलाकों में पानी की काफी किल्लत के चलते लोगों को तालाब किनारे खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.

मृतक का शव नेशनल हाईवे पर रखकर मजदूरों ने कई घंटे तक चक्काजाम किया.

गुवाहाटी (अंजनील कश्यप): असम के काजीरंगा स्थित चाय बगान में काम करने वाले एक मजदूर की गैंडे के आक्रमण से मौत हो गई. गुस्साए साथियों ने मुआवजे की मांग को लेकर मृतक का शव नेशनल हाईवे पर रखकर कई घंटे तक चक्काजाम किया.  

शुक्रवार को असम के गोलाघाट जिले में काज़ीरंगा के हातिखुली चाय बगान में एक बुजुर्ग चाय मजदूर डुंडा भूमिज को गैंडे ने तब मार डाला, जब वह शौच के लिए खुले खलिहान में गया हुआ था. गांववालों का कहना है कि हातिखुली चाय बगान के इलाकों में पानी की काफी किल्लत के चलते श्रमिकों को तालाब किनारे खुले में जाना पड़ता है. शुक्रवार तड़के 60 वर्षीय डुंडा भूमिज भी शौच करने गया हुआ था, तभी पीछे से अचानक एक गैंडे ने डुंडा पर हमला कर दिया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

सूचना मिलते ही श्रमिक के परिवार के साथ चाय बगान के दूसरे मजदूरों ने अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की जगह लाश को नेशनल हाईवे-37 पर रखकर राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और हर्जाने की मांग करने लगे. हालात बिगड़ते देख काज़ीरंगा के डीएफओ रोहिणी सैकिया और घोलघाट जिला तहसीलदार घटना स्थल पर पहुंच कर श्रमिकों को शांत किया.

fallback
काजीरंगा नेशनल पार्क इलाके में घूमता हुआ एक गेंडा.

वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन के तरफ से 2 लाख रुपए बतौर हर्जाना देने की घोषणा की. साथ ही मृतक की पत्नी, दो बेटियों और परिवार के अन्य सदस्यों को सरकार के तरफ से 4 लाख का मुआवजा अतिरिक्त देने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करने का वादा किया. इसके बाद ही लाश को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.

fallback
शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम करते स्थानीय नागरिक.

बता दें कि एक तरफ देश में स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर गांव देहात में पक्के शौचालय बनाया जा रहे हैं तो वहीं असम के घोलघाट जिला के काज़ीरंगा हातिखुली चायबागान में पानी की किल्लत के चलते चाय श्रमिक और उनके परिवार वालों को जान हथेली पर लेकर शौच करने जंगल के तरफ खुले मैदान में जाना पड़ता है, जहां अक्सर दलदल में काज़ीरंगा के प्रसिद्ध एक सींग के गैंडे घूमते रहते हैं.

Trending news