पीसीआर ने जहां एक तरफ जरूरतमंद लोगों की मदद की है. वहीं लॉकडाउन के दौरान बढ़ रही शराब तस्करी की वारदातों पर भी लगाम लगाई है.
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नई दिल्ली: लॉकडाउन शुरू होने के साथ 25 मार्च से ही दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की पीसीआर दिल्ली की सड़कों पर और ज्यादा अलर्ट हो गई. लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी थी. ऐसे में हर छोटी बड़ी जरूरत के लिए वो पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर देते थे.
दिल्ली पुलिस की पीसीआर जरूरत के हिसाब से लोगों की मदद कर रही थी. लेकिन जब किसी गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने की बात आती तो पीसीआर लोकल थाने की पुलिस का इंतजार किए बगैर ही गर्भवती महिला को कई किलोमीटर दूर के अस्पताल तक पूरी सुरक्षा के साथ पहुंचाने में जुट गई.
गौरतलब है कि लॉकडाउन के शुरू होने से 15 अप्रैल शाम चार बजे तक दिल्ली पुलिस की पीसीआर 447 गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचा चुकी है. इस मुश्किल वक्त में दिल्ली पुलिस की पीसीआर ने जिस तरह से लोगों की सेवा की है, उसको देखकर पुलिस के प्रति लोगों का नजरिया ही बदल गया है.
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बता दें कि पीसीआर ने जहां एक तरफ जरूरतमंद लोगों की मदद की है. वहीं लॉकडाउन के दौरान बढ़ रही शराब तस्करी की वारदातों पर भी लगाम लगाई है. दिल्ली पुलिस की पीसीआर ने लॉकडाउन के दौरान 25 मार्च से 15 अप्रैल के बीच आठ शराब तस्करों को गिरफ्तार करके कुल 5523 क्वार्टर शराब जब्त की और 15 गाड़ियों को भी सीज किया है. जिसमें चार दो पहिया और एक थ्री व्हीलर वाहन है.
हालांकि पीसीआर का काम पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल आने के बाद शुरू होता है. पीसीआर सबसे पहले मौके पर पहुंचकर लोकल थाने के लोगों के आने के बाद चली जाती थी. लेकिन अब पीसीआर भी बाकी लोकल पुलिस और बाकी यूनिट की तरह ही क्राइम कंट्रोल करने में जुटी है. जिस वजह से पीसीआर दिल्ली में ना सिर्फ जरूरतमंदों की मदद कर रही है बल्कि अपराधियों को भी पकड़ रही है. फिर चाहे वो स्नैचर्स हों, बदमाश हों या शराब तस्कर.