बता दें कि पहला संग्रहालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस और इंडियन नेशनल आर्मी(आईएनए) पर आधारित है. इसमें बोस और आईएनए से संबंधित शिल्पकृतियों को दर्शाया गया है.
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नई दिल्लीः गणतंत्र दिवस समारोह से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले के अंदर भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष की गाथा को बखान करने वाले तीन नए संग्रहालयों का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले के अंदर बनाए गए तीन संग्रहालयों का एक साथ उद्घाटन किया. बता दें कि पहला संग्रहालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस और इंडियन नेशनल आर्मी(आईएनए) पर आधारित है. इसमें बोस और आईएनए से संबंधित शिल्पकृतियों को दर्शाया गया है, जिसमें नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई एक लकड़ी की कुर्सी, तलवार, पदक, वर्दी और अन्य सामान को रखा गया है.
'याद-ए-जलियां' संग्रहालय का भी होगा उद्घाटन
उल्लेखनीय है कि आईएनए के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई लाल किले में हुई थी. पीएम मोदी इसके अलावा 'याद-ए-जलियां' संग्रहालय का भी उद्घाटन किया, जो आगंतुकों को 1919 में जलियांवाला नरसंहार के इतिहास को लोगों से रूबरू कराएगा. इसके साथ ही यह विश्व युद्ध-1 में भारतीय सैनिकों की वीरता को भी प्रदर्शित करेगा.
तीसरा संग्रहालय है बेहद खास
तीसरा संग्रहालय 1857 के स्वतंत्रता संघर्ष की ऐतिहासिक गाथा को चित्रित कराएगा, जिसमें इस दौरान भारतीयों द्वारा किए गए बलिदान को दर्शाएगा. संग्रहालय को आगंतुकों को बेहतरीन अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें फोटो, पेंटिंग, अखबार की क्लिपिंग, प्राचीन रिकार्ड, ऑडियो-वीडियो क्लिप, एनिमेशन व मल्टीमीडिया की सुविधा होगी.
संग्रहालय में संजोई गई बोस की यादें
तीनों संग्रहालाय के उद्घाटन पर पीएमओ का कहना है पीएम मोदी उसी जगह पर याद-ए-जलियां संग्रहालय (जलियांवाला बाग और प्रथम विश्वयुद्ध पर संग्रहालय) और 1857 (प्रथम स्वतंत्रता संग्राम) पर संग्रहालय और भारतीय कला पर दृश्यकला संग्रहालय भी गए. बोस और आजाद हिंद फौज पर संग्रहालय में सुभाष चंद्र बोस और आईएनए से संबंधित विभिन्न वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है. इसमें नेताजी द्वारा इस्तेमाल की गई लकड़ी की कुर्सी और तलवार के अलावा आईएनए से संबंधित पदक, बैज, वर्दी और अन्य वस्तुएं शामिल हैं.
(इनपुट आईएएनएस से भी...)