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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल सहित दस पड़ोसी देशों के साथ 'कोविड-19 मैनेजमेंट: एक्सपीरिएन्स, गुड प्रैक्टिसेज एंड वे फॉर्वर्ड' विषय पर आयोजित वर्कशॉप को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. इस दौरान पीएम मोदी ने कोरोना काल में 'संकट मोचक' बन कर सामने आए डॉक्टर्स और नर्सों के लिए बड़ा सुझाव दिया. पीएम मोदी के इस सुझाव के बाद डॉक्टर्स और नर्सों को स्पेशल वीजा दिया जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पड़ोसी देशों से महत्वाकांक्षा को ऊपर उठाने का आह्वान करते हुए डॉक्टरों और नर्सों के लिए विशेष वीजा बनाने का सुझाव दिया. इसके पीछे पीएम मोदी का तर्क है, आपात स्थिति में डॉक्टर और नर्स तुरंत ऐसे क्षेत्रों में जा सकेंगे जहां लोगों को उनकी जरूरत हो. प्रधानमंत्री ने इस सकंटकाल में सफल सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों और योजनाओं को साझा करने का सुझाव दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि अन्य देशों के लिए भारत की आयुष्मान भारत और जनआरोग्य योजनाएं अध्ययन के लिए उपयोगी हो सकती हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी से लड़ने की तात्कालिक लागत को पूरा करने, दवा, उपकरण आदि संसाधनों को एक दूसरे के साथ साझा करने के लिए बनाए गए कोविड-19 इमर्जेंसी रिस्पॉन्स फंड (Covid-19 Emergency Response Fund) पर जोर दिया. उन्होंने कोरोना टेस्ट, संक्रमण नियंत्रण और बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट में एक-दूसरे के श्रेष्ठ व्यवहारों का अनुभव करने तथा उनसे सीखने की भी चर्चा की. वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई इस वर्कशॉप में स्वास्थ्य क्षेत्र की हस्तियों, विशेषज्ञों और 10 पड़ोसी देशों के अधिकारियों ने भाग लिया. प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान विभिन्न देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों के बीच सहयोग और समन्वित तरीकों से घनी आबादी वाले क्षेत्रों में चुनौती से निपटने की प्रशंसा की.
इसके अलावा गुरुवार को भारत के नेतृत्व में सार्क देशों का वर्चुअल सम्मेलन भी हुआ. इस दौरान दक्षिण एशिया को कोविड-19 मुक्त क्षेत्र बनाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच प्रस्तावों का भी सभी देशों ने समर्थन किया. खास बात यह रही पाकिस्तान भी प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं का मुरीद हो गया. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर आयोजित स्वास्थ्य सचिव स्तर की सार्क वर्कशॉप में जहां पाकिस्तान को आमंत्रित किया गया था, वहीं प्रधानमंत्री मोदी के विचारों पर पूरी तरह से सहमति बनी. सार्क अधिकारियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कोविड-19 से निपटने में क्षेत्रीय सहयोग की जोरदार पिच बनाई थी. उन्होंने सदस्य देशों के नागरिक उड्डयन मंत्रालयों से चिकित्सा आकस्मिकताओं के लिए क्षेत्रीय एयर एम्बुलेंस समझौते का समन्वय करने की भी सिफारिश की. सार्क के लिए उनका तीसरा सुझाव क्षेत्र की आबादी के बीच कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता के आंकड़ों के मिलान, संकलन और अध्ययन के लिए एक क्षेत्रीय मंच तैयार करना था.
पीएम मोदी ने भविष्य में महामारी को रोकने के लिए तकनीक संचालित महामारी विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक क्षेत्रीय नेटवर्क बनाने का भी सुझाव दिया. अंत में उन्होंने प्रस्ताव रखा कि सार्क सदस्यों को कोविड-19 से आगे जाकर अपनी सफल जन स्वास्थ्य नीतियों और योजनाओं को एक-दूसरे के साथ साझा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आखिरकार, हम कई आम चुनौतियों को साझा करते हैं- जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं, गरीबी, निरक्षरता और सामाजिक और लैंगिक असंतुलन-लेकिन हम सदियों पुरानी सांस्कृतिक और लोगों के साथ लोगों के संपर्कों की शक्ति को भी साझा करते हैं. मोदी ने आगे कहा, अगर हम उन सभी पर ध्यान केंद्रित करें जो हमें एकजुट करती हैं, तो हमारा क्षेत्र न केवल वर्तमान महामारी को दूर कर सकता है, बल्कि हमारी अन्य चुनौतियों को भी दूर कर सकता है.
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