पुलवामा आतंकी हमला: सुरक्षा बलों के समर्थन में पक्ष-विपक्ष एक साथ, सभी ने कहा- पहले देश
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पुलवामा आतंकी हमला: सुरक्षा बलों के समर्थन में पक्ष-विपक्ष एक साथ, सभी ने कहा- पहले देश

हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ एकजुट हो कर खड़े हैं

फोटो साभारः PTI

नई दिल्ली: पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की दृढ़ता दिखाते हुए शनिवार को सभी राजनीतिक पार्टियों ने इस बात को रेखांकित किया कि वे देश की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता से खड़ी हैं. सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं ने शिरकत की. भाजपा और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने एक प्रस्ताव पारित कर आतंकवादी हमले और सीमा-पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा की.

विपक्षी सदस्यों ने इस चुनौती से निपटने में सरकार को पूरा समर्थन दिया. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनसे अपील की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी प्रमुख राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय पार्टियों के अध्यक्षों की एक बैठक बुलाएं. तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और भाकपा के डी राजा ने इस विचार का समर्थन किया.

करीब ढाई घंटे चली बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘भारत ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए दृढ़ता दिखाई है. इन चुनौतियों से लड़ने में पूरा देश दृढ़ संकल्प व्यक्त करने को एक स्वर है. आज, हम भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सुरक्षा बलों के साथ एकजुट हो कर खड़े हैं.’’

प्रस्ताव में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया लेकिन इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सीमा पार से आतंकवादी खतरे का सामना करता रहा है जिसे हाल में पड़ोसी देश की ताकतों द्वारा काफी प्रोत्साहित किया जा रहा है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीते गुरूवार को सीआरपीएफ के एक काफिले पर फिदायीन हमला हुआ जिसमें इस अर्धसैनिक बल के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए.

पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना के सांसद संजय राउत ने सरकार से कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से प्रेरणा लेकर पाकिस्तान पर सीधा वार करे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि बैठक में उन्होंने कहा कि यदि 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का कोई असर हुआ होता तो पुलवामा में आतंकवादी हमला नहीं होता.

गृह मंत्री राजनाथ ने अपने संबोधन में नेताओं को हमले और शुक्रवार को अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है. सुरक्षाकर्मियों का त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा.

जम्मू-कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं और हमारे साथ हैं, लेकिन कुछ ऐसे तत्व हैं जो पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी समूहों का समर्थन करते हैं.’’ राजनाथ ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा बलों का मनोबल ऊंचा है और उन्हें खुली छूट दी गई है. इस बैठक में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय, शिवसेना के संजय राउत, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के जितेंद्र रेड्डी, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और लोजपा के रामविलास पासवान समेत कई अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया.

अकाली दल के नरेश गुजराल, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा और राजद जय प्रकाश नारायण यादव भी बैठक में शामिल हुए. संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों को प्रस्ताव पढ़कर सुनाते वक्त बताया कि पार्टियों ने सरकार को अपना समर्थन दिया. संजय सिंह ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने सरकार से कहा कि वह पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद की जाने वाली किसी भी कार्रवाई का समर्थन करेंगी.

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने घाटी के बाहर कुछ कश्मीरी छात्रों की कथित प्रताड़ना का मुद्दा उठाया. गृह मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि किसी को सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी और केंद्र सरकार इस बाबत राज्य सरकारों को परामर्श जारी करने जा रही है.  

 

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