Rahul Gandhi defamation case: मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के चलते राहुल गांधी अपनी सांसदी गवां चुके हैं. गुजरात की सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी. इस फैसले को कांग्रेस नेता ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन वहां से भी राहुल गांधी को निराशा हाथ लगी. अब राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
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Rahul Gandhi Defamation Case Update: मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. राहुल गांधी ने अपनी याचिका में दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक की मांग की है. इससे पहले गुजरात हाई कोर्ट ने 7 जुलाई को उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था। राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो सके, इसके लिए जरूरी है कि उनके खिलाफ दोषी ठहराए जाने के फैसले पर भी रोक लगे। अभी सिर्फ सेशन कोर्ट से उनकी सजा निलंबित है यानी उन्हें जमानत मिली हुई है.
सेशन कोर्ट और HC से राहत नहीं मिली
23 मार्च 2023 को बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी की शिकायत पर चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट, सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा चली गई थी. इसी फैसले के चलते उनकी संसद सदस्यता भी चली गई, यही नहीं वो सजा की अवधि पूरी करने के बाद अगले 6 साल तक यानी 2031 तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य हो गए. इसके बाद अप्रैल में राहुल गांधी ने इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट का रुख किया. सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को अपील पेंडिंग रहने तक जमानत तो दे दी लेकिन दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने से इंकार किया. इस फैसले को राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी लेकिन हाईकोर्ट ने भी दोषी ठहराए जाने की मांग और रोक लगाने से इंकार कर दिया.
क्या कहा था गुजरात HC ने
गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इंकार करते हुए कहा था कि राहुल गांधी पर आरोप किसी व्यक्ति विशेष की मानहानि करने का न होकर, समाज के एक बड़े तबके की मानहानि का है. समाज का एक बड़ा तबका उनके बयान से प्रभावित हुआ है. राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी के बड़े नेता है. जाहिर है, उनकी पहुंच के चलते उनका बयान समाज के बड़े तबके तक जाता है. उनसे उम्मीद की जाती थी कि वो सावधानी बरतें और कोई ऐसा बयान न दे जिससे समाज के एक बड़े तबके की प्रतिष्ठा से समझौता हो
राहुल के खिलाफ 10 से ज्यादा केस पेंडिंग
गुजरात हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राहुल गांधी के खिलाफ दस से ज्यादा केस लंबित हैं. राजनीति में शुद्धता वक्त की जरूरत है. जनप्रतिनिधियों को बेदाग होना चाहिए. इस शिकायत के बाद भी राहुल गांधी के खिलाफ दूसरी शिकायत दर्ज की गई. इनमें से एक शिकायत वीर सावरकर के पोते ने पुणे की कोर्ट मे दायर की क्योंकि आरोपी ने वीर सावरकर के खिलाफ मानहानि करने वाला बयान दिया था. लखनऊ की कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई. इन सब के मद्देनजर अगर राहुल गांधी के दोषी ठहराए जाने के फैसले पर अगर कोर्ट रोक नहीं लगता है तो उनके साथ कोई नाइंसाफी नहीं होगी.